कानपुर,ख्वाजा गरीब नवाज़ ईरान के इलाके सीस्तान के संजर नामी गाँव में सन 1143 इसवी में पैदा हुए आप के पिता का नाम ख्वाजा गयासुद्दीन हसन है और माता का नाम बीबी माहेनूर है आप 46 साल की उम्र में हज के लिए गए वहां से मदीना पहुंचे फिर बगदाद,चिस्त,बुखारा, अस्फ्हान,हरात होते हुए हिंदुस्तान आये और आप ने यहाँ से ज़ुलमो सितम भेद भाव छुआ छूत को ख़तम किया और लोगों को अमन शांति भाईचारा आपसी मेलजोल का सन्देश दिया।उक्त विचारों को आल इंडिया गरीब नवाज़ कौंसिल के तत्वाधान में आयोजित जश्ने गरीब नवाज़ हफ्ता के १६वें जश्ने गरीब नवाज़ के प्रोग्राम को नूरी मस्जिद के सामने श्याम नगर में कौन्सिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हज़रत मौलाना मो0 हाशिम अशरफी इमाम ईदगाह गद्दियाना ने व्यक्त किये।अशरफ़ी ने कहा ने कहा गरीब नवाज़ गरीबों मोहताजों से मोहब्बत करते थे गरीबों की मदद करना आपको बहुत पसंद था गरीबों की मदद करने की वजह से आप गरीब नवाज़ कहे जाते हैं आप के दरबार से कोई मंगता खाली हाथ नही लौटा आप गरीबों के लिए लंगर का इन्तेजाम करवाते जो शहर के तमाम ग़रीबों के लिए काफी होता आप ने इनही बातों का पूरी जिंदगी सन्देश दिया आप के संदेशों का पालन गरीबों बेवाओं की मदद बेसहारो को सहारा देना गरीब बच्चो को शिक्षा के लिए किताबे देना गरीब बच्चियों की शादी कराना भूखों को खाना खिलाना मजलूमों की मदद यतीम बच्चों की देख भाल जैसे भले कामो से ही होगा। मौलाना महताब आलम मिस्बाही ने कहा ख्वाजा गरीब नवाज़ अल्लाह के बहुत बड़े वली थे।
मौलाना फ़तेह मो.क़ादरी ने कहा ख्वाजा गरीबा नवाज़ ने सादा ज़िन्दगी गुज़ार कर लोगों को सादगी की तालीम दी है मौलाना मुइनुद्दीन अशरफी ने कहा ख्वाजा गरीब नवाज़ को गरीबों से बहुत मुहब्बत थी। और हाफिज़ नियाज़ अशरफी इमाम नूरी मस्जिद ने उलमा ए किराम का हार व फूल से शानदार इस्तिक्बाल किया।जश्न की शुरूआत कुरान ए पाक से कारी मो0अहमद अशरफी ने किया संचालन हाफिज सुबहानल्लाह ने किया।युसूफ रज़ा कानपुरी ,मौलाना खुर्शीद अहमद,हाफिज मुश्ताक, अख्तर हुसैन,निहाल अहमद ने हम्द व नात व मन्क़बत पेश किये प्रमुख रूप से एम् एच खान,हाफिज मो0अरशद अशरफी,मौलाना अकील अहमद,मौलाना गुलाम हसन,सयद कमर वकील अशरफी,मो0शकील,इमरान भाई,अबू उसामा,हाजी सरदार खान,हाजी शरीफ अहमद आदि लोग मौजूद रहे।