तन्ज़ीम बरेलवी उलमा-ए-अहले सुन्नत के ज़ेरे एहतिमाम जश्ने आमदे रसूल का तीसरा जलसा मस्जिद बाकरगंज मे आयोजित

कानपुर:मोहसिने इन्सानियत हुज़ूर नबी करीम सललल्लाहु अलैहे की विलादत पर खिराजे अक़ीदत पेश करने के लिए तन्ज़ीम बरेलवी उलमा-ए-अहले सुन्नत के ज़ेरे एहतिमाम 12 रोज़ा जशने आमदे रसूल का सिलसिला जारी है जिसका तीसरा जलसा मस्जिद बाकरगंज मे हुआ जिसकी सदारत तन्ज़ीम के सदर हाफिज़ व क़ारी सैयद मोहम्मद फैसल जाफरी और कयादत मस्जिद के पेश इमाम कारी मोहम्मद असलम बरकाती ने की.

रज़ा जामा मस्जिद के पेश इमाम  मौलाना अबरार अहमद हबीबी ने खिताब फरमाते हुए कहा कि आमदे मुस्तफा पर खुशी मनाना झंडे लगाना कुरान व हदीस से साबित है शाह वली उल्लाह मुहद्दिस देहलवी अलैहिर्रहमा के वालिद शाह अब्दुर्रहीम मुहद्दिस देहलवी अलैहिर्रहमा मीलादे मुस्तफा की महफिल मे खाना बनवा कर लोगो मे तक़सीम करवाया करते थे एक बार ऐसा हुआ कि उनके पास कुछ नही था कि पकाकर नियाज़ दिलवा सकें थोड़े से भुने चने थे उसी मे ही नियाज़ करा दी उसी रात को पैगम्बरे इस्लाम की जियारत हुई आपकी बारगाह मे कई तरह के खाने पेश किये जा रहे थे इसी दौरान वह भुने हुए चने भी पेश किये गए इन्तिहाई खुशी व मसर्रत के साथ आपने वह क़ुबूल फरमाए और अपनी तरफ लाने का इशारा फरमाया और थोड़ा सा इससे खाया बाक़ी अस्हाब मे तकसीम फरमा दिया लिहाज़ा मुसलमानो को चाहिए कि खुलूस के साथ अपने नबी की विलादत की खुशी मनाएं खुशी मनाने के साथ नाजायज़ कामो से बचें याद रखो जिस नबी ने दुनिया मे क़दम रखते ही सज्दा किया और अपनी उम्मत की मगफिरत की दुआ माँगी अल्लाह पाक ने उस नबी की पेशानी की बरकतों से पूरे रूए ज़मीन को अपने बंदो के लिए मस्जिद बना दी अब आमदे मुस्तफा से पता चला कि हमे हर हाल मे नमाज़ की पाबंदी करनी चाहिए तन्ज़ीम बरेलवी उलमा-ए-अहले सुन्नत का यही पैग़ाम है और हमारे बुज़ुर्गो का भी यही पैगाम मोहसिने इन्सानियत को वफादारों के नाम (तुझसे है रिश्ते ईमान रबीउल अव्वल,सब महीनो की है तू जान रबीउल अव्वल,तेरी आगोश से दुनिया मे उजाला फैला,क्या ही रौशन है तेरी शान रबीउल अव्वल) जलसे को मौलाना मोहम्मद हस्सान क़ादरी ने भी खिताब किया. इससे पहले जलसे का आगाज़ तिलावते कुरान पाक से क़ारी मोहम्मद असलम बरकाती ने किया और हाफिज जुबैर कादरी, मोहम्मद सुहैल ने नात पाक पेश की जलसा सलातो सलाम व दुआ के साथ खत्म हुआ जलसे के बाद शीरनी तक़सीम की गई. 

इस मौक़े पर मौलाना इरफान अहमद अमजदी,हाफिज ज़की,हाफिज तन्वीर बिलाल,सूफी लाल मोहम्मद,हाफिज फुजैल रजवी, हाफिज तन्वीर निजामी, मौलाना इरफान कादरी, हाफिज वासिफ रज़ा, हाफिज अरसलान, सरफराज अन्सारी,हाफिज शौकत अली,इज़हार बरकाती,मोहम्मद इरफान आदि लोग मौजूद थे!