हुकूमत द्वारा जारी की गई मोहर्रम गाइडलाइन मुसलमानों के जज़्बात को चोट पहुंचाने वाली है

कानपुर- आज दिनांक 03 अगस्त 2021 कुलहिंद जमीअतुल अवाम के बैनर तले बेकनगंज कानपुर स्थित गरीब नवाज हाल में शहर क़ाज़ी कानपुर मौलाना मुफ्ती मोहम्मद साकिब अदीब मिस्बाही के नेतृत्व में मोहर्रम मनाए जाने तथा हुकूमत द्वारा जारी की गई मोहर्रम गाइडलाइन में इस्तेमाल की अभद्र भाषा के विरोध में एक हंगामी सभा का आयोजन किया गया ।                                                                                                            शहर क़ाज़ी कानपुर मौलाना मुफ्ती मोहम्मद साकिब अदीब मिस्बाही ने कहा कि सर्कुलर में इस्तेमाल की गई  भाषा आपत्तिजनक है। इस्लाम का यह पहला माह मोहर्रम जिसे मुसलमान मोहर्रमुल हराम यानी निहायत ताजीम वाला महीना कहता और समझता है के आयोजन से सम्बंधित इस तरह की अभद्र भाषा निंदनीय और मुसलमानों के भावना के साथ खुला खिलवाड़ है ।जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।          उन्होने कहा कि मोहर्रम को सम्प्रदायिक दृष्टि कोण से अति संवेदनशील कहते हुए  सम्प्रदायिक प्रकरणों, विवादों ,यौन सम्बंधित घटनाओं तथा  गौवंश वध आदि घटना का वर्णन करते हुए सतर्कता की बात कहना बिल्कुल निराधार और बढ़ा चढ़ाकर पेश किया गया है , यह पाक महीना मुसलमानो को समाज के मजलूमों और दबे कुचलो के न्याय और इंसाफ दिलाने के कार्यों के लिए प्रेरित करने वाला है  ।।                                          मौलाना हामिद हुसैन शिया शहर क़ाज़ी ने कहा कि इतने आला पद पर बैठे अधिकारी की ऐसी सोच और भाषा हैरान कर देने वाली है यह सर्कुलर गालियों भरा एक खत के अलावा कुछ नहीं जो निहायत जाहिलाना तौर पर लिखा गया है  जिस में झूठे इल्जामों का पुलिंदा है मुसलमानों की इस महीने से अकीदत किसी से छुपी नहीं है पूरी दुनिया में मोहर्रम का महीना शहादते  हजरते इमामे हुसैन के तौर पर गम के रूप में निहायत सादगी और अमन के साथ मनाया जाता है इसे अंशाति,अपराधियों असमाजिक तत्वों से जोड़ कर दर्शाना सिर्फ मुसलमानो की नहीं इस्लाम की भी खुली तौहीन है ।।                                                                                                दोनों शहर क़ाज़ी (सुन्नी और शिया) ने एक सूत्री बयान में कहा कि यदि भाषा को नहीं बदला जाता है और इसको तरतीब देने में जिन लोगों की भी भूमिका है को दंडित नहीं किया जाता है जिसने करोड़ों मुसलमानों को चोट पहुंचाई है तो हम अगला कदम उठाने को मजबूर होंगे नायब शहर क़ाज़ी हाफिज मो सगीर आलम हबीबी ने कहा कि यह भाषा मुसलमानों को आक्रोशित करने और हिन्दू मुसलमानों को आपस में लड़ाने वाली है अमनो अमान के अलम्बरदार हजरते इमामे हुसैन की याद में गुजारा जाने वाला मोहर्रम कैसे असमाजिक तत्वों अपराधियों के प्रभाव वाला बन गया यह अपमानित करने वाली बात है ।। कार्यक्रम में मौजूद सिया  काजी मौलाना अली अब्बास खान ने कहा कि जिस तरह से गाइड लाइन में आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया गया है वह निंदनीय है इसकी हम सब मिलकर निंदा करते हैं और महामंत्री कुलहिंद जमीअतुल अवाम महबूब आलम ने कहा कि यह सर्कुलर राजनीति से प्रेरित लगता है जिसमें वोट लेने की होड़ में कुछ भी अनर्गल बातें की जा रही है मुल्क और प्रदेश में शांतिपूर्ण वातावरण की स्थापना के लिए सभी लोगों को जोड़ने की बातें होनी चाहिए तोड़ने की नहीं ऐसी अभद्र भाषा के इस्तेमाल से मुसलमान खुद को अपमानित और ठगा हुआ  महसूस कर रहा है ।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से नायब शहर काजी कारी सगीर आलम हबीबी महामंत्री महबूब आलम खान  कारी अब्दुल मुट्टलिब अब्दुल माबूद मौलाना सईद अब्बास खान हाफिज कफील हुसैन खान खलीफा इस्लाम खान आजाद मौलाना असगर यार अल्वी डॉक्टर निसार अहमद सिद्दीकी मौलाना अजहर अब्बास मौलाना नसीम अब्बास मौलाना गुलाम मुस्तफा मौलाना शाह आलम मौलाना अलमदार हुसैन नुसरत हुसैन मौलाना फिरोज हैदर मौलाना जीशान मौलाना कंबर खलीफा अच्छे मियां नायब खलीफा कफील  कुरेशी असद सिद्दीकी हाशिम रिजवी मुख्तार हाजी सलाउद्दीन दानिश अली कारी मतलूब रहमान खान आदि