आईआईटी कानपुर के प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर जारी किया पूर्वानुमान

- कोरोना वैक्सीनेशन से तीसरी लहर रहेगी बेअसर, एहतियात और सजगता बरतना जरुरी


कानपुर । वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर कानपुर आईआईटी के प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने एक बार फिर गणितीय माॅडल के तहत पूर्वानुमान जारी किया है। उनके मुताबिक फिलहाल कोरोना की तीसरी लहर का अंदेशा बहुत ही कम है। हां यह जरुर है कि एहतियात और सजगता बरतने में कतई लापरवाही नहीं करना होगा। साथ ही वैक्सीनेशन के ग्राफ को और तेजी से बढ़ाना होगा। इन सबसे यह सुनिश्चित है कि अगर तीसरी लहर का कोई नया वैरिएंट आता है तो बेअसर रहेगा।
आईआईटी कानपुर के कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. मणींद्र अग्रवाल और उनकी टीम पिछले करीब डेढ़ साल से कोरोना संक्रमितों और संक्रमण की रफ्तार पर काम कर रही है। उन्होंने गणितीय माॅडल से अब तक सटीक आकलन किया है और संभावित तीसरी लहर और आगामी दिनों में कोरोना के केसों की स्थित को लेकर एक बार फिर गणितीय माॅडल के तहत पूर्वानुमान जारी किया है।
उन्होंने बताया कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद तेजी से टीकाकरण अभियान चल रहा है। कोरोना टीकाकरण व पूर्व में संक्रमित होने के बाद स्वस्थ हुए लोगों की संख्या को देखकर कह सकते हैं कि लोगों में हर्ड इम्युनिटी विकसित हुई है। उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश समेत उत्तर भारत के अन्य राज्यों में दूसरी लहर के दौरान काफी संख्या में लोग कोरोना की चपेट में आ गए थे। उनके अंदर एंडीबाॅडी तैयार हो गई है, जबकि टीकाकरण भी रक्षा कर रहा है।
आगे कहा कि कोरोना की फिलहाल तीसरी लहर के आने का अंदेशा बहुत ही कम है। अगर कोई नया वैरिएंट आता है तभी तीसरी लहर आएगी, लेकिन कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए एहतियात जरूरी है। टीकाकरण अभियान में और तेजी लानी होगी।
प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने बताया कि देश में कोरोना के नए मामलों में बराबर घटोत्तरी हो रही है। जिन लोगों को संक्रमण हो भी रहा है, वह स्वस्थ हो रहे हैं। उन्होंने चेताया कि शारीरिक दूरी व मास्क अनिवार्यता की अनदेखी की और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाना बंद न किया तो संक्रमण की यथास्थिति बनी रहने, बल्कि बढ़ने का भी अंदेशा है। फिलहाल रोजाना 40 से 41 हजार मामले सामने आ रहे हैं। यह भी बताया कि एहतियात व सजगता इसी तरह बरती गई तो इस माह के अंत तक देश में रोजाना आने वाले कोरोना संक्रमितों की संख्या घटकर करीब 22 हजार रह जाएगी। यही नहीं जिस तरह से तेजी से वैक्सीनेशन हो रहा है और इसमें बढ़ोत्तरी हुई तो उससे यह संख्या और घट सकती है।
बता दें कि प्रो. मणींद्र अग्रवाल भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा अगस्त 2020 में बनाई गई कमेटी का भी हिस्सा रहे हैं। यह कमेटी कोरोना के संभावित असर के पूर्वानुमान के लिए बनाई गई थी। उन्होंने अक्टूबर 2020 में वह खुद का मॉडल 'सूत्र' लेकर आए और कोरोना संक्रमण के प्रभाव का विश्लेषण शुरू किया। कोरोना की पहली और दूसरी लहर को लेकर जो भी उन्होंने अपने गणितीय माॅडल से पूर्वानुमान जारी किया था वह सही साबित हुआ था।n