नये पौधे लगाने के साथ पुरानो वृक्षों की हिफाज़त का इंतेज़ाम करें:- मौलाना अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह क़ासमी

 जमीअत उलमा कानपुर के द्वारा चलाये गये वृक्षारोपण अभियान के तहत सैकड़ों पौधे लगाये गये


कानपुर:- हरे वृक्षों, पौधों की हिफाज़त और अधिकाधिक वृक्षारोपण कर मानवता और समस्त प्राणियों को लाभ पहंुचाने के लिये जमीअत उलमा कानपुर के द्वारा नगर अध्यक्ष डा. हलीमुल्लाह खां के संरक्षण और महासचिव मौलाना अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह क़ासमी की निगरानी में प्रदेश के औद्योगिक नगर कानपुर में चलाये गये वृक्षारोपण अभियान के तहत शहर के विभिन्न क्षेत्रों, मुहल्लों, पार्काैं और सार्वजनिक स्थानों पर बड़ी संख्या में पौधे लगाये गये, जिससे शहर के अवाम में पर्यावरण को लेकर जागरूकता पैदा हुई। स्थानीय स्तर पर भी लोगों ने जमीअत उलमा के द्वारा किये जाने वाले कामों की तारीफ करते हुए अभियान में उत्साहपूर्वक भाग लिया। जमीअत उलमा कानपुर के वृक्षारोपण अभियान के तहत आस-पास के जिलों से भी पौधरोपण की खबरे प्राप्त हुईं।
नगर महासचिव मौलाना अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह क़ासमी ने जमीअत उलमा कानपुर के द्वारा चलाये गये वृक्षारोपण अभियान के सम्बन्ध में बात करते हुए पत्रकारों से कहा कि वृक्षारोपण जमीअत उलमा की बराबर मुहिम रही है, वर्षों से पूरे देश में समय-समय पर इस तरह के अभियान चलाये जाते रहे हैं। शहर कानपुर में भी बड़े स्तर पर वृक्षारोपण अभियान चलाये जा चुके हैं, लेकिन जिस तरह की ज़रूरत है उस तरह अभी जागरूकता नहीं आयी है। अल्लाह के नबी हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम वृक्षों को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया है और इसको सद्क़ा ए जारिया कहा है। हम सबकी ज़िम्मेदारी है कि ज़्यादा से ज़्यादा पौधे लगायें और जहां वृक्ष मौजूद हैं उनकी हिफाज़त का इंतेज़ाम करें। इस तरह से सैंकड़ों पौधे जो इस मुहिम के दौरान लगाये गये वह भविष्य में वृक्ष का रूप धारण करने लग जायेंगे, यह मानवता की बेहतरीन सेवा होगी। मौलाना ने कहा कि शहर कानपुर के अलावा आस-पास के जिलों उन्नाव, हरदोई, फरूखाबाद, क़न्नौज, फतेहपुर, बांदा आदि से भी व्क्षारोपण अभियान के तहत पौधे लगाने की खबरें प्राप्त हुईं हैं। मौलाना अमीनुल हक़ अब्दुल्लाह क़ासमी ने वृक्षारोपण अभियान में भाग लेकर लोगों को जागरूक करने वाले मौलाना मुहम्मद अनीस खां क़ासमी, क़ाज़ी ए शरीअत मौलाना मुहम्मद इनामुल्लाह क़ासमी, मौलाना अंसार अहमद जामई, नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. मुहम्मद फारूक, मुफ्ती इज़हार मुकर्रम क़ासमी, मौलाना मुहम्मद फरीदुद्दीन क़ासमी, क़ारी मुहम्मद ग़ज़ाली खां, मौलाना मुहम्मद शाहिद क़ासमी, मौलाना मुहम्मद शुऐब मुबीन मजाज़िरी, हाफिज़ शारिक, मौलाना अमीर हमज़ा, मौलाना शरफे आलम साक़िबी, मौलाना मुहम्मद जावेद क़ासमी, मौलाना असग़र हक़्क़ानी, मौलाना अयाज़ साकिबी, मुफ्ती हारून क़ासमी, क़ारी मुहम्मद हुजैफ़ा नक्शबंदी, क़ारी बदरुज्ज़मां कुरैशी, का़री मुहम्मद तौफीक़ महमूदी, मौलाना मुहम्मद अनस क़ासमी, सादिक़ अमीनी, ऐजाजुल हसन, शारिक़ नवाब समेत तमाम लोगों का शुक्रिया अदा किया।