नमाज़ ज़रुरी मानवता इस्लाम का चेहरा : इखलाक अहमद डेविड


कानपुर 04 मई पैगम्बर ए इस्लाम के दामाद, इस्लाम के चौथे खलीफा, शेरे खुदा मुश्किल कुशा हज़रत मौला अली (रजि०अन०) की शहादत पर खानकाहे हुसैनी हज़रत ख्वाजा सैय्यद दाता हसन सालार शाह (रह०अलै०) की दरगाह पर यौम ए शहादत मनाकर खिराज ए अकीदत पेश की गयी।

हज़रत ख्वाजा सैय्यद दाता हसन सालार शाह (रह० अलै०) की मज़ार पर गुलपोशी इत्र केवड़ा संदल पेश किया गया उसके बाद शोरा ए कराम ने नात मनकबत पेश  की शेरे खुदा हज़रत अली की शहादत पर खिराज ए अकीदत पेश करते हुए उलेमा ए दीन ने कहा कि खामोश है तो दीन की पहचान अली है अगर बोले तो लगता है कुरान अली है।

हज़रत अली की विलादत 13 रजब काबा शरीफ के अंदर हुई थी मौला अली 19 रमज़ान 40 हिज़री फज़िर की नमाज़ पढ़ाने के लिए जामा मस्जिद कुफा पहुंचे मस्जिद में मुंह के बल अब्दुर्रहमान इब्ने मुलजिम नाम का शख्स सोया हुआ था उसको मौला अली ने नमाज़ के लिए जगाया और खुद नमाज़ पढ़ाने के लिए खड़े हो गए इब्ने मुल्जिम मस्जिद के एक ख़म्भे के पीछे ज़हर में डूबी तलवार लेकर छिप गया मौला अली ने नमाज़ पढ़ानी शुरु की जैसे ही सजदे के लिए मौला अली ने अपना सिर ज़मीन पर रखा, इब्ने मुलजिम ने ज़हर में डूबी हुई तलवार से अली के सिर पर वार कर दिया तलवार की धार से ज़हर जिस्म में उतर गया 21 रमज़ानुल मुबारक 40 हिजरी को शहादत हुई आपकी उम्र 63 साल थी आपकी नमाज़े जनाज़ा आपके बड़े शहज़ादे हज़रत ए इमाम हसन ने पढ़ाई।

खानकाहे हुसैनी के साहिबे सज्जादा इखलाक अहमद डेविड चिश्ती ने कहा कि हज़रत मौला अली कहते है कि कभी कामयाबी को दिमाग मे और नाकामी को दिल मे जगह न देना क्योंकि कामयाबी दिमाग मे तकब्बुर और नाकामी दिल मे मायूसी पैदा कर देती है, नमाज़ हमारे लिए ठीक वैसे ही है जैसे एक भूखे के लिए खाना और प्यासे के लिए पानी ज़रुरी होता नमाज़ इस्लाम के लिए ज़रुरी मानवता इस्लाम का चेहरा है। हज़रत अली की जिन्दगी और उनके बताये रास्ते पर चलने व नमाज़ की पाबंदी पर ज़ोर दिया। 

खिताब के बाद नज़र मौला अली सलातो सलाम पेशकर दुआ हुई दुआ में अल्लाह से मौला अली मुश्किल कुशा के सदके में भारत में वबा से पैदा हुई मुश्किलें आसान करने की दुआ हुई।

नज़र व दुआ मे इखलाक अहमद डेविड चिश्ती, हाफिज़ माज़ हसन, हाफिज़ कफील हुसैन, हाफिज़ मोनिस चिश्ती, हाफिज़ शोएब आलम, हाफिज़ मोहम्मद शकील, शारिक वारसी, फाज़िल चिश्ती, हाजी गौस रब्बानी, मोहम्मद शाज़ेब, अबरार अहमद वारसी, अयाज़ अहमद चिश्ती, मोहम्मद शाहिद हुसैनी, परवेज़ आलम वारसी, इस्लाम खान, इरफान अशरफी, सैय्यद अरशद, परवेज़ सिद्दीकी, आफताब आलम, एजाज़ रशीद, अतीक अंसारी, मोहम्मद हफीज़, मोहम्मद जावेद, मोहम्मद लारैब, जावेद कादरी, अफज़ाल अहमद आदि थे।