शबे क़द्र मे अल्लाह की इबादत करने वाले के दर्जे बुलंद होते हैं:मुफ्ती अनवारूल हक़ अज़हरी

तन्ज़ीम बरेलवी उलमा-ए-अहले सुन्नत की जानिब से चमनगंज मे मीलादे मुस्तफा की महफिल हुई


कानपुर:रमज़ानुल मुबारक के आखिरी अशरे की 25वीं शब को तन्ज़ीम बरेलवी उलमा-ए-अहले सुन्नत की जानिब से चमनगंज स्थित हाफिज़ व क़ारी सैयद मोहम्मद फैसल जाफरी के घर पर मीलादे मुस्तफा की महफिल हुई जिसमे उलमा हज़रात ने खिताब किया मिस्र की जामे अज़हर यूनिवर्सिटी से इल्मे दीन की तालीम हासिल करके अपने शहर आए बाबूपुरवा के मुफ्ती अनवारूल हक़ क़ादरी अज़हरी ने शबे क़द्र का जिक्र करते हुए कहा कि कुरान पाक मे अल्लाह पाक इरशाद फरमाता है कि शबे क़द्र हज़ार महीनो से बेहतर है इसमे फरिश्ते और उनके सरदार जिबरील उतरते हैं अपने रब के हुक्म से हर काम के लिए वह सलामती है सुबह चमकने तक उन्होंने आगे कहा कि हदीसे पाक मे है कि शबे कद्र को रमज़ान शरीफ के आखिरी अशरा की ताक़ रात यानि (21,23,25,27,29)रातो को तलाश करो खास तौर से मुसलमान 27वीं शब को मसाजिदो मे जमा होकर पूरी रात अल्लाह की इबादत करते हैं लेकिन पिछले साल की तरह इस साल भी कोविड 19 की वजह से हुकूमत की तरफ से जारी की गई गाइडलाईन की वजह से मसाजिदो मे जाने की इजाज़ नही मिली लिहाज़ा आप लोग अपने अपने घरो मे रहकर अल्लाह की इबादत करके इस महामारी से निजात की दुआ करें इस शब मे अल्लाह की इबादत करने वाले मोमिन के दर्जे बुलंद होते हैं गुनाह बख्श दिये जाते हैं  अल्लाह की बारगाह मे रो रोकर अपने गुनाहों की माफी तलब करने वालो के गुनाह माफ हो जाते हैं इस रात अल्लाह पाक नेक व जायज़ तमन्नाओं को पूरी फरमाता है रमज़ान के मुकद्दस महीने मे ईद से पहले हर शख्स को एक किलो छै सौ ग्राम गेंहू या उसकी क़ीमत के बराबर रकम गरीबों मे तकसीम करनी होती है इसे फितरा कहते हैं इस बार इसकी क़ीमत 50 रूपये तय की गई है फितरा हर पैसे वाले इंसान पर देना वाजिब है नाबालिग बच्चों की तरफ से उनके वालदैन फितरा अदा करें इससे पहले प्रोग्राम का आगाज़ तिलावते क़ुरान पास से हाफिज़ मुशर्रफ नि किया कारी आदिल अज़हरी, हाफिज़ ज़ुबैर क़ादरी ने नात पाक पेश की जलसे के बाद खत्मे क़ादरिया शरीफ का विर्द हुआ सलातो सलाम व दुआ के साथ महफिल खत्म हुई फिर सहरी का एहतिमाम किया गया कन्वीनर क़ारी सैयद मोहम्मद फ़ैसल जाफरी ने आए हुए मेहमानो का शुक्रिया अदा किया इस मौक़े पर मौलाना मोहम्मद हस्सान क़ादरी,हाफिज़ वाहिद अली रज़वी,मौलाना मुबारक अली फ़ैज़ी,हाफिज़ इरफान रज़ा क़ादरी,हाफिज़ हमज़ा,हाफिज़ मोहम्मद अय्यूब,हाफिज़ सक़लैन,हाफिज़ सादिक़ वाहिदी,मोहम्मद आकिब बरकाती,यूसुफ रज़ा कादरी,ज़मीर खाँ मुशाहिदी,मोहम्मद आमिर,मोहम्मद मोईन जाफरी आदि लोग मौजूद थे!v