ईदगाहों के बाहर तैनात रही फोर्स, बच्चों ने घर में बिताया वक्त

कानपुर। कोरोना महामारी के चलते शुक्रवार को सादगी से ईद का त्योहार मनाया गया। कई मस्जिदों और ईदगाहों के साथ ही घरों में भी नमाज पढ़ी गई। इस बार लोगों ने गले मिलने से परहेज किया। कोरोना संक्रमण से निजात दिलाने के साथ ही फिलिस्तीन में इजराइली हमले में शहीद हुए लोगों और परेशान लोगों के हक में दुआएं की गईं। बच्चों ने नए कपड़े पहनकर घरों में ही वक्त बिताया। ईद पर ऐतिहासिक मेला भी नहीं लगा पहले दिन नई सड़क, दूसरे दिन चमनगंज तथा तीसरे दिन इफ्तेखाराबाद में मेला लगता था। इसे अर्र, पर्र, टर्र का मेला कहा जाता है। फजिर की नमाज के बाद मस्जिदों में पहुंचे। ईद की सामूहिक नमाज तो नहीं हुई लेकिन सुबह फजिर की नमाज के बाद मस्जिदों में ईद की नमाज अदा की गई। अधिकतर लोगों ने घरों में नमाज पढ़ी। ईदगाह गद्दियाना में मौलाना हाशिम अशरफी ने पांच लोगों के साथ नमाज अदा की। मसवानपुर ईदगाह में शहरकाजी मौलाना मुश्ताक अहमद मुशाहिदी ने, कुली बाजार मस्जिद में शहरकाजी मुफ्ती साकिब अदीब ने नमाज अदा कराई। नमाज के बाद सभी ने अपने दोस्तों को ऑनलाइन मुबारकबाद दी। बड़ी ईदगाह में नहीं हुई नमाज, भारी फोर्स तैनात रहा। बेनाझाबर बड़ी ईदगाह के गेट बंद रहे। यहां नमाज अदा नहीं की गई। गेट के बाहर भारी फोर्स तैनात रही। यहां ईद की नमाज में आम तौर पर चार से पांच लाख लोग शामिल होते थे। प्रबंधन ने पांच लोगों के साथ नमाज कराने से मना कर दिया था। प्रबंधन को शक था कि लोगों की भीड़ न पहुंच जाए। शिया मुसलमानों ने इस बार ईद पर ऑनलाइन नमाज अदा की। लखनऊ में मौलाना कल्बे जव्वाद ने अपने घर के इमामबाड़े से नमाज की कयादत (नेतृत्व) की नमाज अदा करने वालों में हुसैनी फेडरेशन के मुंसिफ अली रिजवी, डॉ. जुल्फिकार अली रिजवी, रईसुल हसन रिजवी, परवेज जैदी, यूसुफ जाफरी, एहसान हुसैन, अयाज रिजवी, मुशर्रफ हुसैन रिजवी आदि रहे।

बेगमपुरवा की बगाही ईदगाह में ईद की नमाज नहीं हुई, बल्कि कब्रिस्तान की मस्जिद में इमाम मौलाना सलमान कासमी ने चंद लोगों को नमाज अदा कराई। कई लोग सुबह नमाज पढ़ने पहुंच गए तो इलाकाई समाजसेवियों ने गांधीगीरी करके उन्हें रोक दिया। समाजसेवी मोहम्मद अकील शानू ने गुलाब का फूल देकर मस्जिदों में सामूहिक नमाज पढ़ने से नमाजियों को रोका।s