कानपुर। अब कोटेदार अधिकारियों पर राशन कम देने का आरोप नहीं लगा पाएंगे। खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से नई व्यवस्था की जा रही है। इसके तहत एफसीआइ गोदाम से खाद्यान उठकर सीधे गल्ले की दुकान में पहुंच जाएगा। अभी तक सरकारी गल्ले के दुकानदार आरोप लगाते हैं कि एफसीआइ गोदाम से राशन कम मिलता। इस वजह से कार्डधारकों में राशन की कटौती करते हैं। इसका कार्डधारक परेशान होता था। कोटेदारों के अनुसार अभी तक चालान में 70 पैसे प्रति किलों के हिसाब से लाभांश और 18 किलो प्रति पैसे के हिसाब से गोदाम से गल्ले की दुकान तक लाने के लिए मिलता था, जबकि इसमें कोटेदारों का 40 पैसे खर्च आता है। अब सरकार ठेकेदारों के माध्यम से कोटेदारों की दुकान में खाद्यान पहुचाएंगी। इस व्यवस्था को शहर में लागू करने के लिए खाद्य आपूर्ति विभाग रूट चार्ट को अंतिम रूप दे रहा है। जल्द से लागू किया जाएगा। यह व्यवस्था शिवराजपुर, ककवन, घाटमपुर, पतारा, चौबेपुर, भीतरगांव में शुरू कर दी गई है। लखनऊ में बैठा अधिकारी देख सकेंगें कहा है खाद्यान्न सिंगल डोर स्टेप व्यवस्था के तहत खाद्यान्न की डिलीवरी करने वाले वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगा होगा। इससे लखनऊ से लेकर शहर के अधिकारी वाहन की स्थिति जान सकेंगे। जिले राशन घटतौली को लेकर चली आ रही समस्या को लेकर एक कोटेदार की दुकान में नई व्यवस्था शुरू की गई है। यहां पर कोटेदार की गुप्त रूप से शिकायत कोई भी कर सकता है। अधिकारियों तक शिकायत पहुंचने पर कोटेदार पर कार्रवाई भी की जाएगी। बर्रा सात सब्जी मंडी में 30 वर्ष पुरानी सरकारी गल्ले की दुकान में खाद्य आपूर्ति निरीक्षक ने कार्डधारकों की समस्या को लेकर नई पहल शुरू की है। यहां पर लगी शिकायत पेटिका में कार्डधारक अपनी गुप्त शिकायत डाल सकेंगे, इसे हर 15 दिन में अधिकारी खोल कर देखेंगे। शिकायती पत्र पर जांच के बाद अगर कोटेदार गलत पाया जाता है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही कार्डधारक को लगता है कि दुकान में कुछ बदलाव किया जा सकता है तो बॉक्स में पत्र डालकर अपने सुझाव को विभाग से साझा कर सकता है। जिला पूर्ति अधिकारी खाद्य आपूर्ति अखिलेश कुमार ने बताया कि मंगलवार को शुरू हुए राशन वितरण के पहले दिन ही व्यवस्था धड़ाम हो गई। बर्रा, किदवई नगर, बाबूपुरवा, नौबस्ता, नवाबगंज, घंटाघर, कृष्णानगर, चकेरी सहित दर्जनों इलाकों में मशीन ना चलने की वजह से कार्डधारकों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ा। इसके साथ ही पांच अप्रैल को प्रदेश भर के कोटेदार अपना मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर एक दिन की सांकेतिक हड़ताल पर रहें थे। इस वजह से भी कार्डधारकों को राशन नहीं मिल पाया। एफसीआइ से खाद्यान बाजार में डंप होने की शिकायत आती थी। इसके साथ ही गोदाम में आने के बाद कोटेदार वहां से माल ले जाते थे। इससे सरकार का खर्च बढ़ता था और निगरानी के लिए प्रशासनिक अधिकारी भी लगाने पड़ते थे। अब खाद्यान सीधे कोटेदार के घर जाएगा। इससे कालाबाजारी में लगाम लगेगी। शहर में सिंगल डोर स्टेप डिलीवरी के लिए टेंडर प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।s
कोटेदार नहीं कर सकेंगे घपला, सरकार ठेकेदारों के माध्यम से कोटेदारों की दुकान में खाद्यान पहुचाएंगी