कानपुर। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा है कि नई शिक्षा नीति से भारतीय संस्कृति और राष्ट्रभाषा का उत्थान होगा। नवयुवकों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और इसके साथ ही भारतीय संस्कृति का भी विकास होगा। वह सोमवार को चौबेपुर के अमिलिहा स्थित पं. आरके शुक्ला लॉकालेज में शिक्षा नीति विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। कहा, केंद्र सरकार के निर्देश पर प्रदेश में दीनदयाल मॉडल स्कूल व स्मार्ट क्लास शुरू की जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 15 वर्षों में मात्र 48 विद्यालय खोले गए, जबकि भाजपा सरकार ने 5987 पदों का सृजन करके नई शिक्षा नीति को अपनाते हुए शोध और नवाचार बढ़ाने का काम किया है। शिक्षा नीति को बढ़ावा देने के लिए कॉलेजों को स्वयत्तता प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही शैक्षिक माफियाओं का वर्चस्व समाप्त कर दिया गया है। पूर्व की सरकारों में नकल एक उद्योग बन गया था, जिसे पूरी तरह समाप्त करके शिक्षा में पारदर्शिता शुरू हुई है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यालयों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। परीक्षाओं में कॉपी पर डिकोडिंग की व्यवस्था से काफी बदलाव हुए हैं।बेसिक शिक्षा के तहत कायाकल्प योजना शुरू हुई है। प्रदेश सरकार का शिक्षा में परिवर्तन ही लक्ष्य है । वैदिक व राष्ट्रभाषा का प्रभाव पड़े इसके लिए संस्कृत भाषा का पाठ्यक्रम भी बढ़ाया जा रहा है। शैक्षिक सुधारों में ध्यान देने के लिए महाविद्यालयों में कांफ्रेंसिंग व्यवस्था भी शुरू की गई है।
कार्यक्रम में प्रदेश की राज्य मंत्री नीलिमा कटियार व सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति रंगनाथ पांडे ने भी विचार रखे। यहां पूर्व सांसद श्याम बिहारी मिश्रा, नर नारायण सेवा समिति के अवध बिहारी मिश्रा, एमएलसी अरुण पाठक, विधायक प्रतिभा शुक्ला, डॉ अवध दुबे भी रहे। कार्यक्रम में चेयरमैन विनोद शुक्ला ने मुख्य अतिथि को प्रतीक चिन्ह भेंट किया।