कानपुर, अल्लाह ने कुरान में वारिसों के हुकूक को बयान फरमाया है इस्लाम ने तकसीमें विरासत की जानकारी सीखने पर बड़ा जोर दिया है हदीस में इस इल्म को आधा इल्म बताया है और इस्लाम में जिस तरह बेटों का विरासत में हिस्सा है इसी तरह बेटियों का भी हिस्सा है कुरान में है कि अल्लाह तुम्हें हुक्म देता है तुम्हारी औलाद के बारे में बेटे का हिस्सा दो बेटियों के बराबर है बेटियों को हिस्सा ना देना हराम और कुरान की मुखालिफत है हदीस में है जो अपने वारिस को हिस्सा देने से भागेगा अल्लाह उसको कयामत में उसको उसके हिस्से से महरूम कर देगा | उक्त विचारों को अंजुमन गुलामाने रसूल नौजवान इस्लामिया कमेटी के तत्वाधान में आयोजित आल इंडिया गरीब नवाज़ कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हजरत मौलाना मो.हाशिम अशरफ़ी इमाम ईदगाह गद्दियाना ने जश्ने गरीब नवाज़ के प्रोग्राम को संबोधित करते हुए नियर बरकाती मस्जिद रेल बाज़ार में सरकारी गाइड लाइन के अनुसार व्यक्त किये श्री अशरफ़ी ने कहा कि आज गरीब की बेटियां दहेज की वजह से घरों में बूढ़ी हो रही है अगर शादी हो भी जाती है तो बेचारा गरीब बाप वर्षों तक कर्ज के बोझ में दबा रहता है जहेज की कमी की वजह से ससुराल में बेटियों पर जुल्म ढाया जाता है खरी-खोटी सुनाई जाती है ताने दिए जाते हैं अगर तरका (हिस्सा) की तक्सीम शरीयत के मुताबिक की जाए बेटियों का हिस्सा दिया जाए तो दहेज की मांग और ससुराल में बेटियों पर जुल्म खत्म होगा बाप की जायदाद से बेटियों को हिस्सा देने से अल्लाह और रसूल खुश होते हैं बाप के तरका से बेटियों को महरूम करके हराम काम न करें जायदाद से बेटियों को हिस्सा देना गौसे आजम की तालीम है इसी से समाज का भला होगा इस अवसर पर मौलाना अशरफी ने मस्जिदों के इमामो और उलमा से अपील की है कि जुमा के खुतबों,मीलादुन्नबी के प्रोग्रामों और दीनी महफ़िलों में लोगों को आगाह करें और बताएं कि बेटियों के हुक़ूक़ बाप के तरका में इस्लाम ने निर्धारित कर रखा है जिस का देना लाज़मी और ज़रूरी है | हाफिज मो. जावेद ने उलमा का हार फूल से शनदार इस्तिक्बाल किया इस से पूर्व जश्न की शुरूआत कुरान ए पाक की तिलावत से हाफिज़ मो.मेराज ने किया खुर्शीद आलम,कारी मीकाईल जियाई,कारी इकबाल बेग ने हम्द व नात व मन्क़बत पेश किये संचालन हाफिज मो.वसीम ने किया सलातो सलाम के बाद मौलाना अब्दुर रहीम ने कोरोना से निजात और हिन्दुस्तान समेत आलमे इस्लाम के अमनो अमान के लिए दुआ की तबर्रुक तकसीम किया गया प्रमुख रूप से मौलाना मो.आकिल,मौलाना मो.यूसुफ,हाफिज़ मो.अरशद अशरफी,कारी मो.अहमद अशरफी,कारी अनवारुल हक़,ताज अहमद (छोटू),एह्तिसामुद्दीन,सलीम खान,नूर आलम,सिराज अहमद(पप्पू),आदि उपस्तिथ थे!
जहेज़ की रोकथाम के लिए बेटियों को तरका से हिस्सा देना ज़रूरी है (मौलाना मो.हाशिम अशरफी)
कानपुर, अल्लाह ने कुरान में वारिसों के हुकूक को बयान फरमाया है इस्लाम ने तकसीमें विरासत की जानकारी सीखने पर बड़ा जोर दिया है हदीस में इस इल्म को आधा इल्म बताया है और इस्लाम में जिस तरह बेटों का विरासत में हिस्सा है इसी तरह बेटियों का भी हिस्सा है कुरान में है कि अल्लाह तुम्हें हुक्म देता है तुम्हारी औलाद के बारे में बेटे का हिस्सा दो बेटियों के बराबर है बेटियों को हिस्सा ना देना हराम और कुरान की मुखालिफत है हदीस में है जो अपने वारिस को हिस्सा देने से भागेगा अल्लाह उसको कयामत में उसको उसके हिस्से से महरूम कर देगा | उक्त विचारों को अंजुमन गुलामाने रसूल नौजवान इस्लामिया कमेटी के तत्वाधान में आयोजित आल इंडिया गरीब नवाज़ कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हजरत मौलाना मो.हाशिम अशरफ़ी इमाम ईदगाह गद्दियाना ने जश्ने गरीब नवाज़ के प्रोग्राम को संबोधित करते हुए नियर बरकाती मस्जिद रेल बाज़ार में सरकारी गाइड लाइन के अनुसार व्यक्त किये श्री अशरफ़ी ने कहा कि आज गरीब की बेटियां दहेज की वजह से घरों में बूढ़ी हो रही है अगर शादी हो भी जाती है तो बेचारा गरीब बाप वर्षों तक कर्ज के बोझ में दबा रहता है जहेज की कमी की वजह से ससुराल में बेटियों पर जुल्म ढाया जाता है खरी-खोटी सुनाई जाती है ताने दिए जाते हैं अगर तरका (हिस्सा) की तक्सीम शरीयत के मुताबिक की जाए बेटियों का हिस्सा दिया जाए तो दहेज की मांग और ससुराल में बेटियों पर जुल्म खत्म होगा बाप की जायदाद से बेटियों को हिस्सा देने से अल्लाह और रसूल खुश होते हैं बाप के तरका से बेटियों को महरूम करके हराम काम न करें जायदाद से बेटियों को हिस्सा देना गौसे आजम की तालीम है इसी से समाज का भला होगा इस अवसर पर मौलाना अशरफी ने मस्जिदों के इमामो और उलमा से अपील की है कि जुमा के खुतबों,मीलादुन्नबी के प्रोग्रामों और दीनी महफ़िलों में लोगों को आगाह करें और बताएं कि बेटियों के हुक़ूक़ बाप के तरका में इस्लाम ने निर्धारित कर रखा है जिस का देना लाज़मी और ज़रूरी है | हाफिज मो. जावेद ने उलमा का हार फूल से शनदार इस्तिक्बाल किया इस से पूर्व जश्न की शुरूआत कुरान ए पाक की तिलावत से हाफिज़ मो.मेराज ने किया खुर्शीद आलम,कारी मीकाईल जियाई,कारी इकबाल बेग ने हम्द व नात व मन्क़बत पेश किये संचालन हाफिज मो.वसीम ने किया सलातो सलाम के बाद मौलाना अब्दुर रहीम ने कोरोना से निजात और हिन्दुस्तान समेत आलमे इस्लाम के अमनो अमान के लिए दुआ की तबर्रुक तकसीम किया गया प्रमुख रूप से मौलाना मो.आकिल,मौलाना मो.यूसुफ,हाफिज़ मो.अरशद अशरफी,कारी मो.अहमद अशरफी,कारी अनवारुल हक़,ताज अहमद (छोटू),एह्तिसामुद्दीन,सलीम खान,नूर आलम,सिराज अहमद(पप्पू),आदि उपस्तिथ थे!