बड़ी कर्बला में लंगर ए हुसैनी के साथ मनाया गया जश्न ए विलादत इमाम हुसैन


कानपुर नगर। नवाबगंज स्थित बड़ी कर्बला में तंजीम निशान ए पैग क़ासिद ए हुसैन की जानिब से खलीफा हाफ़िज़ कफ़ील हुसैन खान के नेतृत्व में एक अजीमुश्शान महफिल का एहतमाम किया गया। यह महफिल नवासा ए रसूल सैयदना शहीदाने कर्बला हजरत इमाम हुसैन की यौमे पैदाईश (विलादत) के मौके पर सजाई गई थी। जहां पर नजर व नियाज के बाद सबील के साथ-साथ लंगर ए हुसैन भी आमतौर से बांटा गया। 

इस मौके पर तंजीम के खलीफा आली जनाब हाफिज कफील हुसैन साहब ने अपने बयान में कहा कि 3 शाबान 4 हि० (10 जनवरी 626) को इमाम हुसैन की विलादत मदीना शरीफ में हुई। जब ये ख़बर मौला अली तक पहुचीं तो घर तशरीफ़ लाए और बेटे को गोद में उठा लिया और कान में अज़ान कही। 7वें दिन आपका हक़ीक़ा हुआ। इमाम हुसैन की पैदाइश के बाद तमाम ख़ानदान ख़ुश हो गया हुसैन तेरे लिए हुसैन वाले हैं जिंदा, हुसैन तेरे लिए इन्हें बतूल ने भेजा, हुसैन तेरे लिए अली ने मांगा था बेटा 

अल्लाह से मोहब्बत करते हो तो रसूल की पैरवी करो और जो रसूल ने कहा उस पर अमल करो। जो शख्स रोजा रखे और रमजान से मिला दे उसकी हम जन्नत में दाखिले की जमानत देते हैं। कर्बला ने हमें बताया मानवता व इंसानियत क्या है।अन्त में सलातो सलाम पेश करते हुए मुल्क व शहर के लिए दुआ की गयी। इस मौके पर चाँद, सईद, हाफ़िज़ इसरार, मोहम्मद अबरार, तैयब हुसैनी, रिजवान वारसी, फैसल खान, इस्लाम चिश्ती, बब्लू खान, इरफान अशरफी, नूर आलम, इखलाक अहमद डेविड आदि सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे।