क़ुरआन सिर्फ़ मुसलमानों का धार्मिक ग्रन्थ नहीं बल्कि सम्पूर्ण मानवजाति के लिए ख़ुदा का भेजा हुआ आख़िरी संदेश है - सैयद फैज हसन सफवी

उन्नाव, 4 मार्च। दरगाह हज़रत नसरूल्लाह शाह ककरहाबाग में उर्स ए पाक के मौक़े पे ईद मिलादुन्नबी का जलसा हुआ जिस कि सरपरस्ती हज़रत पीर सैय्यद चंदा मिया सज्जादा नशीन खानकाह ए हफिजिया सफीपुर शरीफ ने की और हज़रत सैय्यद मुनीफ उल हसन साहब मकनपुरी ने नात ए नबी पढ़ी और ऑल इंडिया सूफी फाउंडेशन के अध्यक्ष हज़रत मौलाना सैय्यद फ़ैज़ हसन सफ़वी साहब ने जलसे को खिताब करते हुए फ़रमाया तालीम हासिल करो इससे मुल्क कि और अपनी भी कामयाबी है जलसे में शराब और हर बुराई के ख़िलाफ़ तकरीर हुई  और उन्होंने कहा कि जिस तरह क़ुरआन सिर्फ़ मुसलमानों का धार्मिक ग्रन्थ नहीं बल्कि सम्पूर्ण मानवजाति के लिए ख़ुदा का भेजा हुआ आख़री संदेश है।

उसी तरह रसूल सिर्फ मुसलमानो के लिये नहीं बल्कि सम्पूर्ण मानवजाति के लिए ख़ुदा की भेजी हुई रहमत हैं
बाद में मुल्क में आपसी भाचारा बना रहे और कोरोना के खात्मे के लिए दुआ की गई। जलसे में मुख़ रूप से आशिक़ बरकाती, रियाज़ सफीपुरी,सगीर अहमद, मोहम्मद सैफ़, मोहम्मद जाबिर, मोहम्मद सूफियान, मोहम्मद यासीन, आदि लोग जलसे में मौजूद रहे।