श्रम विभाग के निरीक्षक का खेल, कोई पास कोई फेल

कानपुर। श्रम विभाग की लगभग सभी कालोनियों में अवैध निर्माण हो चुका है और वह भी श्रम विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मिली भगत से। जहां एक ओर समान्य व्यक्ति यदि निर्माण कराता है तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज होता है जबकि वहीं सत्ताधारी पक्ष के लोग वही काम करते है तो उनके लिये श्रम विभाग का नियम और कानून ताख पर रख दिया जाता है। ऐसा ही कुछ कारनामा श्रम विभाग के गृह निरीक्षक व अपर श्रमायुक्त ने खेला। शास्त्री नगर निवासी ऊषा श्रीवास्तव व रामधारी यादव के खिलाफ काकादेव थाने में कालोनी में अवैध निर्माण कराने को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया तो वही ऊषा श्रीवास्तव के ठीक बगल में भाजपा नेता सरोज सिंह के घर पर भी निर्माण हो रहा है जिसे अधिकारियों ने नजर अंदाज कर दिया। इस तरह की दूभांति विभाग की साफ तौर पर देखी जा सकती है। गौरतलब है कि कानपुर नगर में स्थित श्रम कालोनियों में लगभग कई लोगो ने अवैध निर्माण करवा लिया है जिसकी पूरी जानकारी श्रम विभाग को है,लेकिन पैसो के आगे ऐसे अवैध निर्माण कर्ताओ के खिलाफ कोई कार्यवाही न कर जिनसे पैसा नही मिला उनके खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कर उन्हं बेदखली का नोटिस भी जारी करने की तैयारी की जा रही है। ंआपको बताते चले कि श्रम विभाग के गृह निरीक्षक सतीश कुमार दीक्षित ने शास्त्री नगर स्थित भवन संख्या 215/3 ऊषा श्रीवास्तव के घर पर मौके पर जाकर जांच की तो पाया कि वह निर्माण करवा रहे है जिस पर उन्होंने अपनी जांच आख्या श्रम प्रवर्तन अधिकारी आषुतोष मिश्रा को सौपं दी जिस पर उन्होंने कैंसर पीड़ित बुर्जुग महिला के खिलाफ काकादवे थाने में धारा 448 के तहत मुकदमा दर्ज करवा दिया,जबकि ठीक बगल में भाजपा महिला कार्यकर्ता का अवैध निर्माण धडल्ले से हो रहा जिस को सतीष कुमार दीक्षित ने नजर अंदाज कर दिया। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि गृह निरीक्षक सतीश कुमार दीक्षित को पैसा न मिलने पर उन्होंने नायाजय और न्यायहीन कार्यवाही करते हुए मुकदमा पंजीकृत करवा है। पीड़ित परिवार ने मुख्यमंत्री से मामले की षिकायत करने व कैंसर पीड़ित को परेषान करने के खिलाफ शिकायत करने की बात कही है। फिलहाल समाचार लिखे जाने तक निर्माण कार्य पूरी तरह से बंद था। इस बावत सतीश कुमार दीक्षित से मुलाकात करनी चाही लेकिन वह कार्यालय में नही मिले और दूरभाष भी नही उठाया।