कानपुर। कुली बाजार में बेसमेंट की खोदाई में एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी लेकिन इसका असर केडीए अभियंताओं व सुपरवाइजरों पर नहीं पड़ा है। धड़ल्ले सारे मानकों को ताक पर रखकर शहर में बेसमेंट खोदे जा रहे हैं, लेकिन केडीए अफसरों को नहीं नजर आ रहे है शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार हो रहा है। शहर में लगता है घटना होने के बाद दूसरी घटना को दावत देने का जैसै चल सा आ गया है केडीए ने भी बेसमेंट को लेकर अपने नियम से अभियंताओं को अवगत नहीं कराया तो उन अभियंताओं का क्या दोष बेचारें बेसमेंट के नियमों से जो अनिभिज्ञ है या यू कहे कि वो विपक्ष के नेताओं को राजनीत चमकाने का मौका देते है।जीटी रोड में दक्षिणमुखी हनुमान जी के पास बेसमेंट की खोदाई हो रही है लेकिन कहीं भी रिटर्निंग वॉल नहीं बनायी जा रही है।आसपास की बहुत पुरानी इमारतों है नींव हिलने पर गिर सकती है। यहां हाल सीसामऊ बाजार में बाला जी चौक के पास बिना मानकों के बेसमेंट खोदकर निर्माण किया जा रहा है।लाटूश रोड में भी यही हाल है कुली बाजार से लगता हुआ पुरानी बस्ती का क्षेत्र है मकानों की जर्जर अवस्था के बावजूद बेसमेंट को अपना अधिकार समझते है। सबसे मजे की बात यह है कि अभियंता और कर्मचारी को पता है लेकिन बचाने में लगे हैं। साफ ही की सुविधा शुल्क मिल चुका है। व्यावसायिक दोस्ती निभाई जाती है। यहीं हाल गुमटी नंबर पांच, शास्त्रीनगर, काकादेव, जवाहर नगर, नेहरू नगर, लाटूश रोड,.जनरलगंज, लाठी मोहाल, श्यामनगर, पनकी समेत कई जगह मानकों को ताक पर रखकर बेसमेंट बन रहे है। बेसमेंट में पार्किंग की जगह फ्लैट या स्टोर रूम बना दिया जाते है। फायर की भी कोई व्यवस्था नहीं है अगर आग लग जाए तो इमारत में रहने वालों को बचाना मुश्किल हो जाएगा। स्थित यह है कि व्यावसायिक दोस्ती बिल्डर और अभियंताओं की शहर के लिए मुसीबत बन गयी है। केडीए उपाध्यक्ष राकेश सिंह का असर भी अब अभियंताओं पर नहीं पड़ रहा है।
कुली बाजार हादसे से केडीए नहीं ले रहा सबक