कानपुर,कोबिड-19 महामारी के विषम परिस्थितियों के दृष्टिगत अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2020 के आयोजन में सोशल डिस्टेंसिंग और भारत सरकार द्वारा निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार आयोजित किया गया। इस संबंध में पी0पी0 एन इंटर कॉलेज कानपुर के प्रधानाचार्य राकेश कुमार यादव ने बताया कि ऐसी स्थिति में लोगों का अपने घर पर परिवार के साथ योग करने हेतु प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है,जिससे योग के माध्यम से स्वास्थ्य को बढ़ाते हुए प्रतिरोधक क्षमता का बढ़ाना तथा तनाव से राहत प्रदान करना है और योगाभ्यास से भलाई की भावना को बढ़ावा देना है।योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के युज से हुई है जिसका मतलब होता है आत्मा का सार्वभौमिक चेतना से मिलन।योग लगभग दस हजार साल से भी अधिक समय से अपनाया जा रहा है। योग की महिमा और महत्व को जान कर इसे स्वस्थ जीवन शैली हेतु बड़े पैमाने पर अपनाया जा रहा है। जिसका प्रमुख कारण है व्यस्त तनावपूर्ण और अस्वस्थ दिनचर्या में इसके सकारात्मक प्रभाव।योग का चार प्रकारों में वर्णन मिलता है मंत्र योग,हठयोग,लययोग व राजयोग। पतंजलि के अनुसार 8 योग सूत्र बताए गए हैं। यम,नियम,आसन, प्राणायाम,प्रत्याहार,धारणा, ध्यान व समाधि।भगवत गीता में भक्तियोग,कर्मयोग व ज्ञानयोग बताया गया है।योग सुबह या शाम के समय करना चाहिए।योग हमेशा खाली पेट करना चाहिए। योग अपने शरीर के हिसाब से करें जो आसन आप कर सकते हैं वही करें।योग करने से मन प्रसन्न रहेगा।योग आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायक होगा।योग डायबिटीज़ रोगियों के लिए जरूरी है।योग मानसिक तनाव से छुटकारा दिलाता है, वजन कम करने में सहायक होता है ।योग एक ऐसी दवा है जो बगैर खर्च किए रोगियों का इलाज करने में सक्षम है,और शरीर को ऊर्जावान बनाता है।
विषम परिस्थितियों के दृष्टिगत अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया