आत्महत्या का रास्ता दिखाने वाले डिप्रेशन से उबारने में ध्यान योग कारगर हथियार... योग गुरु ज्योति बाबा 

कानपुर, डिप्रेशन के चलते आत्महत्या की समस्या से छुटकारा पाने का जरिया बनाने वालों की आत्मिक यात्रा अधिक लंबी और कष्टप्रद बन जाती है कार्मिक थ्योरी के अनुसार अगले जन्म में ऐसे व्यक्ति को फिर वहीं से शुरुआत करनी पड़ती है जहां उसने अपना सफर अधूरा छोड़ा था उपरोक्त बात सोसाइटी योग ज्योति इंडिया के तत्वाधान में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर नशा हटाओ कोरोना मिटाओ योग अपनाओ पेड़ लगाओ अभियान के तहत वेबीनार शीर्षक "क्या डिप्रेशन, कुंठा, आत्महत्या से उबारने में ध्यानयोग उपयोगी है" पर अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख योग गुरु ज्योति बाबा ने कही। ज्योति बाबा ने कहा कि कोरोनावायरस से मानव को उबारने के लिए ध्यान योग पद्धति एक बड़ी भूमिका निभा सकती है मेडिटेशन करने वाले साधक के जीवन से कुंठा,हताशा,निराशा माइनस हो जाती है और सकारात्मक सोच,दृढ़ इच्छाशक्ति और कुछ समाज के लिए नया कर गुजरने की क्षमता अत्यधिक बढ़ जाती है जिससे नशा एवं मांसाहार मुक्त जीवन का स्वामी बन कर व्यक्ति स्वस्थ मस्तिष्क एवं शरीर का स्वामी बन जाता है  डॉ अजीत सिंह ने कहा कि विश्व में होने वाले सुसाइड्स में हमारे देश का शेयर 17% है इसके कई कारण हो सकते हैं लेकिन आज के युवा में स्ट्रेस से जूझने में अत्यधिक कमी आई है इसीलिए साइकोलॉजिस्ट कह रहे हैं कि हमारे एजुकेशन सिस्टम में ऐसे तरीके अडॉप्ट किए जाएं, ताकि बच्चे व युवा वर्तमान दबाव का बेहतर तरीके से सामना कर सके ।वेबीनार का संचालन एम एंटरटेनमेंट के डायरेक्टर अमित गुप्ता व धन्यवाद सोशल रिफॉर्मर राकेश चौरसिया ने दिया ।