मगफिरत वाले दूसरे अशरे पर ज्यादा से ज्यादा करें इबादत: कारी फरीद

- रोजदार गरीब मोहताजों की भरपूर करें मदद



शहरकाजी कारी फरीद उद्दीन कादरी। 


फतेहपुर। रमजान माह के दूसरे अशरे पर शहरकाजी कारी फरीद उद्दीन कादरी ने कहा कि मगफिरत वाले इस अशरे में ज्यादा से ज्यादा इबादत करके अपने परवरदिगार को खूब याद करें। रोजेदार गरीबों मोहताजो की भरपूर मदद करके अल्लाह तआला को राजी करें। क्योंकि पैगम्बरे इस्लाम ने इरशाद फरमाया शाबान मेरा महीना है और रमजान अल्लाह तआला का महीना है। लिहाजा जो बंदा पूरे माह के रोजे रखता है तो अल्लाह तआला उसके गुनाहो को बक्श देता है और रोजेदार जन्नत (स्वर्ग) का हकदार हो जाता है।


काजी शहर श्री कादरी ने कहा कि बचे हुए दूसरे और तीसरे अशरे में मुसलिम समाज के लोग खूब इबादत करके अल्लाह तआला को राजी करें और अपने गुनाहांे की गिडगिडा कर मांफी तलब करें। शहरकाजी ने कहा जो आकिल (अकलमनद) बालिग मुसलमान रोजा नहीं रखता है। वह गुनेहगार है और रमजान का रोजा एक भी जान बूझकर छोड़ता है तो वह पूरी जिन्दगी रोजा रखें तो छोड़े हुए एक रोजे की भरपाई नहीं कर सकता। चूंकि पैगम्बरे इस्लाम ने फरमाया है कि जो मुसलमान बगैर शरई उजर के एक रोजा भी छोडता है तो वह गुनेहगार होगा। शहरकाजी ने अवाम से अपील किया कि इस मुकद्दस माह का अदबो एहतराम करते हुए घरो में नमाज की पाबन्दी के साथ-साथ रोजा भी पाबंदी के साथ रखें। क्योंकि इस माह में अल्लाह के नजदीक रोजे से बढकर कोई इबादत नहीं है। रमजान माह में जन्नत (स्वर्ग) के दरवाजे अल्लाह के बंदो के लिए खोल दिए जाते है। काजी शहर फरीद उद्दीन कादरी ने कहा कि लाँकडाउन के चलते पूरी दुनिया कि कारोबारी हालत खतरें में हैं। बेरोजगारी बढने की उम्मीद है। मजदूरी करने वाले लोग परेशान हैं। ऐसे नाजुक हालत में जिन लोगों को अल्लाह तआला ने नवाजा है। उन्हे ज्यादा तवज्जो देने की जरूरत है। बल्कि हमें जरूरतमंदो, गरीबों, बेसहारा, परेशान हाल मजदूरो और मदारीसे इस्लामिया का भरपूर ताऊन करना चाहिए। उन्होने कहा कि सभी लोग अल्लाह तआला की बारगाह में दुआ करे कि प्यारे वतन हिन्दुस्तान से कोरोना वायरस जैसी खतरनाक बीमारी का खात्मा हो सके।