जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, हैलट और संबद्ध अस्पताल में हाई अलर्ट लागू

  • एक मरीज पर प्रतिदिन 18822 का खर्च, बढ़ीं चिंताएं


कानपुर में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, हैलट और संबद्ध अस्पताल में हाई अलर्ट लागू हो गया है। हैलट के एक नॉन पीजी जूनियर डॉक्टर के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद कॉलेज और अस्पतालों में दहशत बढ़ गई है। इसके साथ ही जच्चा-बच्चा अस्पताल में एक महिला कोरोना पॉजीटिव आ गई। मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. आरती लालचंदानी ने विभागाध्यक्षों की बैठक में कॉलेज परिसर में बाहरी लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है। बैठक में निर्देश दिए गए हैं कि हॉस्टल में छात्रों को पैक खाना दिया जाएगा। इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग पालन करने के लिए कहा गया है।

अस्पतालों की इमरजेंसी में कंसल्टेंट, जूनियर डॉक्टर और रेजीडेंट पीपीई किट में कोरोना प्रोटॉकाल का पालन करके मरीजों को देखेंगे। इसके साथ ही जच्चा-बच्चा अस्पताल में आने वाली प्रत्येक गर्भवती महिला की जांच कराई जाएगी। इसके साथ ही रोगियों के साथ आने वाले तीमारदारों के यूनिट में घुसने पर पाबंदी लगाई जा रही है।

बाहरी लोगों का कॉलेज परिसर में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। कॉलेज में माइक से कहा गया कि वार्डन छात्रावासों में रहें और छात्रों की जांचें सुनिश्चित कराएं। इसके साथ ही छात्र-छात्राओं के बाहर घूमने पर पाबंदी लगा दी गई है। बहुत जरूरत पर वे अधिकारियों की अनुमति से ही बाहर जाएंगे।s

 

शहर में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए सेंटर बनाए गए हैलट अस्पताल में कोरोना के हर मरीज पर रोज करीब 18,822 रुपये खर्च हो रहे हैं। इस खर्च ने अस्पताल प्रशासन की चिंताएं बढ़ा दी हैं। खर्च आपदा राहत मद से लेने की कोशिश की जा रही है। कोरोना संक्रमित का इलाज हैलट परिसर स्थित मेटरनिटी विंग और न्यूरो साइंस सेंटर में 200 बेड तैयार किए गए हैं। इनमें 85 मरीज भर्ती हैं। इनके इलाज में अस्पताल प्रशासन को न सिर्फ दवाएं देनी पड़ रहीं हैं बल्कि इनके पौष्टिक भोजन, मिनरल वाटर से लेकर इनके इलाज में लगाए गए डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ, सुरक्षा उपकरणों, डॉक्टरों के होटल खर्च समेत कई मदों पर रोज लाखों रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। कोरोना मरीजों के लिए डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ समेत करीब 250 कर्मियों की ड्यूटी हैलट में लगाई गई है। अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरके मौर्या ने बताया कि रोज करीब 10 लाख रुपये की पीपीई किट खर्च हो रही हैं।मास्क, ग्लव्ज, सैनिटाइजेशन, नाश्ता, खाना समेत अन्य खर्चे अलग हैं। मरीजों, पैरामेडिकल स्टाफ समेत कोरोना मरीजों के लिए ड्यूटी करने वाले सभी कर्मियों का नाश्ता, खाना अस्पताल की मेस में बन रहा है। खाने में रोटियां, दाल, चावल, सब्जी, सलाद, अचार दिया जा रहा है। डॉक्टरों के लिए होटल में व्यवस्था की गई है। हर मरीज पर रोज हजारों रुपये खर्च हो रहे हैं। इसके लिए बहुत धनराशि की जरूरत पड़ रही है।s