ऐतकाफ़ मे बैठकर कसरत से इबादत करना अल्लाह को बेहद पसन्द:हाफिज़ फ़ैसल जाफ़री
कानपुर:आज जुमेरात को 20 रमज़ानुल मुबारक है यानि दूसरा अशरा (मगफिरत) खत्म और तीसरा अशरा (जहन्नम से आज़ादी का)  शुरू हो जाऐगा और आज ही शाम से लोग मस्जिदों मे ऐतकाफ़ पर बैठ जाऐंगे अॉल इण्डिया सुन्नी जमीयतुल उलेमा के नायब सदर हाफिज़ व क़ारी सैयद मोहम्मद फ़ैसल जाफ़री ने बताया कि अल्लाह की रज़ा के लिये मस्जिद में ठहर कर कसरत से इबादत करने का नाम एतिकाफ है, एतिकाफ 3 तरह का होता है

वाजिब, सुन्नते मोअक्किदा और मुस्तहब

माहे रमज़ान की 20 तारीख को सूरब डूबते वक़्त मगरिब की अज़ान से 20 मिनट पहले ऐतिकाफ की नियत करके मस्जिद में ठहरना और ईद का चाँद देख कर मस्जिद से बाहर निकलना और इस बीच कसरत से इबादत करना अल्लाह को बहुत पसंद है, रमज़ान का ऐतिकाफ सुन्नते मोअक्किदा अलल किफाया है यानी बस्ती में अगर किसी एक ने भी एतिकाफ किया तो सब बरी हैं और किसी एक ने भी ना किया तो सब अल्लाह के गुनहगार हैं हाफिज़ फ़ैसल ने ऐतकाफ मे बैठने वाले लोगो से अपील की है कि सोशल डिस्टेंसिग का पालन करने के साथ कोरोना जैसी वबा के खात्मे के लिए खुसूसी दुआ करें!