शबे बारात पर इमाम व मोअज्जिन अपने कब्रिस्तानो में जाकर क्षेत्र के तमाम लोगों की जानिब से मोहल्ले के तमाम मरहूंमीन के लिए फातिहा पढ़ें

 कानपुर, शहर काजी ने मुस्लिम समुदाय के महत्वपूर्ण पर्व शबे बारात( शुभ रात) को लेकर शहर के प्रमुख उल्मा व अइम्मा तथा बुद्धिजीवियों के साथ रूपम चौराहा बेकन गंज स्थित गरीब नवाज़ हाल में एक मीटिंग की जिसमें  शहर क़ाज़ी कानपुर ने उलेमाओं के साथ शबे बरात से सम्बंधित तमाम पहलुओं पर गौरो फिक्र किया ।

ज्ञात हो कि शबे बारात यानी शुभ रात मुसलमानों के पर्वों में एक महत्वपूर्ण पर्व है जिसमें मुस्लिम धर्म के लोग अपने पूर्वजों की कब्रों पर फूल माला चढ़ाकर उन्हें याद करते हैं और शहर भर के कब्रिस्तान में लाखों की तादाद में पहुंचकर अपने अपने पूर्वजों की कब्रों पर रोशनी करते हैं साथ ही रात भर मस्जिद में हजारों की तादाद में लोग नमाज पढ़ते हैं इसी को लेकर लोगों में बेचैनी है कि अब किस तरह से हम कब्रिस्तान पहुंचे अपने पूर्वजों को याद करें इसी के चलते शहर काजी ने प्रमुख लोगों की मीटिंग बुलाकर इस अहम मसले पर चर्चा की जिस पर शहर काजी ने कहा कि दुनिया भर में कोरोना वायरस जैसी महामारी फैली हुई है जिसको देखते हुए देशभर में व शहर में लॉक डाउन है जिसको देखते हुए हमें लॉक डाउन का पालन भी करना है । बैठक में शहर काजी मौलाना मोहम्मद आलम रजा खान नूरी ने यह ऐलान करते हुए शहर के तमाम लोगों से अमल करने की अपील की । इस बार 9 अप्रैल दिन जुमेरात को शबे बारात है उस दिन सभी मुसलमान अपने अपने घरों में रहकर शबे बारात की इबादत ,नजरों नियाज़ और रात को खुसूसी इबादत कर इस ख़तरनाक मर्ज  से निजात की दुआएं करें।हज़रत उवैस करनी तथा अपने बाप दादा के नाम फातिहा का इंतजाम करें और उस खाने को अपने आस पास के गरीबों में बांटने हेतु पहले से ही जरूरत मंद का चुनाव कर लें , इसमें मोहल्ले के इमाम का सहयोग लें।इस मौके पर ध्यान रखें कि सिर्फ हलवा बनाकर उस पर फातिहा करा दें बाकी अपने बाप-दादा के इसाले सवाब के लिए कच्चे खाने दाल , चावल आटा इत्यादि को मोहल्ले के इमाम से सम्पर्क करते हुए किसी एक जगह पर जमा कराएं ताकि उस राशन से आने वाले दिनों में  दिगर लोगों की मदद का इंतजाम किया जा सके।

इस संबंध में निशुल्क भोजन वितरण कर रहे लोगों व कमेटियों से भी सम्पर्क किया जा सकता है।मस्जिदों के इमाम व मोअज्जिन की जिम्मेदारी है कि अपने क्षेत्र के तमाम लोगों की जानिब से उनके मरहूंमीन के लिए फातिहा पढ़कर एसाले सवाब करने का काम करें।कब्रिस्तानों  की साफ सफाई पर मामूर खुद्दाम की जिम्मेदारी है कि वह अपने जिम्मे के कब्रिस्तानों की शबे बरात और इस मोहलक करोना वायरस से बचाव हेतु खूब साफ सफाई सुनिश्चित करें। याद रखें उस रात पटाखे और आतिशबाजी जो शरीयत के लिहाज से भी नाजायज है उससे कतई बचें! मीटिंग में मुख्य रुप से मौलाना मुफ्ती मोहम्मद हनीफ बरकाती, कारी कासिम हबीबी, कारी अब्दुल मुत्तलिब महबूब आलम खान कारी सगीर आलम हबीबी मुफ्ती रफी अहमद निजामी, मौलाना साकिब अदीब , मौलाना गुलाम मुस्तफा, मौलाना शाह आलम, डा एम ए खान, अफजाल अहमद, इस्लाम खां आज़ाद, सादाब कानपुरी इस्लाम खान चिश्ती मोहम्मद सरताज मोहम्मद आमिर खान हाफिज दानिश अल्ताफ आलम आदि मौजूद रहे।

 


 शबे बारात पर इमाम व मोअज्जिन अपने कब्रिस्तानो में जाकर क्षेत्र के तमाम लोगों की जानिब से मोहल्ले के तमाम मरहूंमीन के लिए फातिहा पढ़ें।

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 कानपुर, शहर काजी ने मुस्लिम समुदाय के महत्वपूर्ण पर्व शबे बारात( शुभ रात) को लेकर शहर के प्रमुख उल्मा व अइम्मा तथा बुद्धिजीवियों के साथ रूपम चौराहा बेकन गंज स्थित गरीब नवाज़ हाल में एक मीटिंग की जिसमें  शहर क़ाज़ी कानपुर ने उलेमाओं के साथ शबे बरात से सम्बंधित तमाम पहलुओं पर गौरो फिक्र किया ।

ज्ञात हो कि शबे बारात यानी शुभ रात मुसलमानों के पर्वों में एक महत्वपूर्ण पर्व है जिसमें मुस्लिम धर्म के लोग अपने पूर्वजों की कब्रों पर फूल माला चढ़ाकर उन्हें याद करते हैं और शहर भर के कब्रिस्तान में लाखों की तादाद में पहुंचकर अपने अपने पूर्वजों की कब्रों पर रोशनी करते हैं साथ ही रात भर मस्जिद में हजारों की तादाद में लोग नमाज पढ़ते हैं इसी को लेकर लोगों में बेचैनी है कि अब किस तरह से हम कब्रिस्तान पहुंचे अपने पूर्वजों को याद करें इसी के चलते शहर काजी ने प्रमुख लोगों की मीटिंग बुलाकर इस अहम मसले पर चर्चा की जिस पर शहर काजी ने कहा कि दुनिया भर में कोरोना वायरस जैसी महामारी फैली हुई है जिसको देखते हुए देशभर में व शहर में लॉक डाउन है जिसको देखते हुए हमें लॉक डाउन का पालन भी करना है । बैठक में शहर काजी मौलाना मोहम्मद आलम रजा खान नूरी ने यह ऐलान करते हुए शहर के तमाम लोगों से अमल करने की अपील की । इस बार 9 अप्रैल दिन जुमेरात को शबे बारात है उस दिन सभी मुसलमान अपने अपने घरों में रहकर शबे बारात की इबादत ,नजरों नियाज़ और रात को खुसूसी इबादत कर इस ख़तरनाक मर्ज  से निजात की दुआएं करें।हज़रत उवैस करनी तथा अपने बाप दादा के नाम फातिहा का इंतजाम करें और उस खाने को अपने आस पास के गरीबों में बांटने हेतु पहले से ही जरूरत मंद का चुनाव कर लें , इसमें मोहल्ले के इमाम का सहयोग लें।इस मौके पर ध्यान रखें कि सिर्फ हलवा बनाकर उस पर फातिहा करा दें बाकी अपने बाप-दादा के इसाले सवाब के लिए कच्चे खाने दाल , चावल आटा इत्यादि को मोहल्ले के इमाम से सम्पर्क करते हुए किसी एक जगह पर जमा कराएं ताकि उस राशन से आने वाले दिनों में  दिगर लोगों की मदद का इंतजाम किया जा सके।

इस संबंध में निशुल्क भोजन वितरण कर रहे लोगों व कमेटियों से भी सम्पर्क किया जा सकता है।मस्जिदों के इमाम व मोअज्जिन की जिम्मेदारी है कि अपने क्षेत्र के तमाम लोगों की जानिब से उनके मरहूंमीन के लिए फातिहा पढ़कर एसाले सवाब करने का काम करें।कब्रिस्तानों  की साफ सफाई पर मामूर खुद्दाम की जिम्मेदारी है कि वह अपने जिम्मे के कब्रिस्तानों की शबे बरात और इस मोहलक करोना वायरस से बचाव हेतु खूब साफ सफाई सुनिश्चित करें। याद रखें उस रात पटाखे और आतिशबाजी जो शरीयत के लिहाज से भी नाजायज है उससे कतई बचें! मीटिंग में मुख्य रुप से मौलाना मुफ्ती मोहम्मद हनीफ बरकाती, कारी कासिम हबीबी, कारी अब्दुल मुत्तलिब महबूब आलम खान कारी सगीर आलम हबीबी मुफ्ती रफी अहमद निजामी, मौलाना साकिब अदीब , मौलाना गुलाम मुस्तफा, मौलाना शाह आलम, डा एम ए खान, अफजाल अहमद, इस्लाम खां आज़ाद, सादाब कानपुरी इस्लाम खान चिश्ती मोहम्मद सरताज मोहम्मद आमिर खान हाफिज दानिश अल्ताफ आलम आदि मौजूद रहे।