लॉकडाउन में राशन कार्ड बनवाना बना कमाई का जरिया

- नगर निगम के जन सुविधा केन्द्र में लिए जा रहे हैं दो सौ रुपये

कानपुर । कोराना वायरस की महामारी के संक्रमण से बचाने के लिए कानपुर सहित पूरे देश में लॉकडाउन जारी है। ऐसे में गरीबों को राशन की भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसी को देखते हुए प्रदेश की योगी सरकार ने राशन कार्ड उन सभी लोगों का राशन कार्ड बनाने का आदेश दिया है जो इसके पात्र पर किसी कारण से उनका राशन कार्ड नहीं बना। इस लॉकडाउन में गरीब लोग राशन कार्ड बनवाने के लिए नगर निगम के जनसुविधा पहुंच रहे हैं और राशन कार्ड बनवाने के लिए प्रति लाभार्थी से दो सौ रुपये वसूले जा रहे हैं।
देश कोरोना से जंग जीतने की जद्दोजहद में लगा हुआ है। लॉकडाउन के चलते गरीबों को दिक्कतें हो रही हैं। गरीबों की तकलीफों को कम करने के लिए हुक्मरान प्रयास कर रहे हैं। वहीं कुछ लोगों ने इस माहौल को भी कमाई का जरिया बना लिया है। यह भ्रष्टाचारी शासन की मंशा के विरुद्ध गरीबों का शोषण कर रहे हैं। जिसकी नजीर कानपुर के नगर निगम में देखने को मिल रही है। यहां जन सुविधा केन्द्र के संचालक गरीबों का राशन कार्ड बनवाने के लिए कई गुना अधिक शुल्क वसूल रहे है। यह सब हो रहा है नगर निगम परिसर में और जिम्मेदारों ने नाक के नीचे हो रहे भ्रष्टाचार की ओर आंखे मूंद रखी है।
कोरोना के दौरान गरीबों को राशन की कमी ना हो इसलिए प्रदेश में योगी सरकार ने उन लोगों को मौका दिया है जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। जिनके राशन कार्ड किसी वजह से नहीं बन पाए या जिनके यूनिट राशन कार्ड में कम चढ़े है वह जन सुविधा केन्द्र से ऑनलाइन कार्ड बनवा सकते हैं। इस सुविधा का लाभ उन लोगों को दिया जा रहा है जिनके पास मनरेगा कार्ड, श्रमिक कार्ड है। सरकारी योजनाओं का लाभ के लिए गरीब राशन कार्ड बनवाने को जनसुविधा केंद्र पहुंच रहे हैं.जहां गरीब मजदूरों के साथ ठगी की जा रही है।

दो सौ रुपये की होती है वसूली
कानपुर नगर निगम में जनसुविधा केंद्र वाले गरीबों से 200 रुपए हर फॉर्म ले रहे है. जबकि ये सभी लोग इतने रुपए देने के लिए सक्षम नहीं है। बात अगर निर्धारित शुल्क की करें तो फार्म की कीमत पांच रुपए हैं। वहीं फार्म भर कर जमा करने के लिए जनसुविधा केन्द्र संचालक 200 रुपए वसूल रहे हैं। इस बात का कुछ गरीबों ने विरोध किया तो संचालक ने उन्हें लौट जाने को कहा। पीड़ित लोगों ने मामले की शिकायत नगर निगम के अधिकारी से की। अधिकारियों के दखल के बाद भी केन्द्र संचालक मनमानी से बाज नहीं आया। इसके बाद भी लोगों से प्रति फार्म 100 रुपए वसूल रहा है।