सवाल:- कुरआन मजीद की तिलावत क्या हर वक़्त सही है ?
जवाब:- कुरआन मजीद की तिलावत दिन-रात में किसी वक़्त भी कर सकते हैं, किसी वक़्त भी मना नहीं है।
सवाल:- मेरा लड़का हाफिज़ है, क्या लाकडाउन के दौर में हम औरतें तरावीह में उससे कुरआन सुन सकते हैं ?
जवाब:- कोई हाफिज़ अगर महरम हो तो उसके पीछे घर की औरतें कुरआन सुन सकती हैं, हाफिज अगर नामहरम हो तो पर्दे के पीछे रह कर कुरआन सुना करें ।
सवाल:- सेहरी करना कैसा है ? क्या बग़ैर सेहरी के रोज़ा रख सकते हैं?
जवाब:- सेहरी करना सुन्नत है, बग़ैर सेहरी के भी रोज़ा रख सकते हैं।
सवाल:- क्या काम की वजह से रोज़ा छोड़ने की इजाज़त है ?
जवाब:- काम की वजह से रोज़ा छोड़ने की इजाज़त नहीं है, बल्कि आप ऐसी व्यवस्था करें कि काम आगे पीछे कर लिया करें, रोज़ा छोड़ने की नौबत ना आये।
सवाल:- सेहरी के वक्त़ तहज्जुद पढ़ना कैसा है ?
जवाब:- जी हां! सेहरी के वक़्त तहज्जुद पढ़ सकते हैं ।
जो उलमा व मुफ्तियाने इजाम अल-शरिया हेल्पलाइन पर उत्तर देंगे, उनके नाम और फोन नम्बर निम्नलिखित हैं।
1:- मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक़ उसामा कासमी :- 9839848686 (वाट्स ऐप)
2:- मौलाना खलील अहमद मजाहिरी:- 9889370978 (वाट्स ऐप)
3:- मौलाना मुफ्ती इकबाल अहमद कासमी:- 09452777698 (वाट्स ऐप)
4:- मौलाना मुफ्ती अब्दुर्रशीद कासमी :- 9984181490 (वाट्स ऐप)
5:- मौलाना मुहम्मद इनामुल्लाह कासमी:- 9935588996 (वाट्स ऐप)
6:- मौलाना मुहम्मद अनीस खां साहब कासमी:- 9936705786 (वाट्स ऐप)
7:- मौलाना मुफ्ती असदुद्दीन साहब कासमी:- 9451313349 (वाट्स ऐप)
8:- मौलाना मुफ्ती मुहम्मद उस्मान साहब कासमी:- 8423779585 (वाट्स ऐप)
9:- मौलाना मुफ्ती साद नूर साहब कासमी:- 9368066468 (वाट्स ऐप)
10:- मौलाना मुफ्ती अजीजुर्रहमान साहब कासमी:- 7860334030 (वाट्स ऐप)
11:- मौलाना मुफ्ती हिफ्जुर्रहमान साहब कासमी:- 8953747748 (वाट्स ऐप)
12:- मौलाना मुफ्ती मुहम्मद दानिश साहब कासमी:- 9335899572
13:- मौलाना मुफ्ती इजहार मुकर्रम कासमी :- 9696314272 (वाट्स ऐप)
14:- मौलाना मुफ्ती मिफ्ताह हुसैन कासमी :- 9140596695 (वाट्स ऐप)
15:- मौलाना मुफ्ती सऊद मर्षिद कासमी :- 9455054392 (वाट्स ऐप)
कुल हिन्द इस्लामिक इल्मी अकादमी कानपुर की अल-शरिया हेल्पलाइन से पूछे गए प्रश्नों के उत्तर
कानपुर:- जमीअत उलेमा उत्तरप्रदेश के अध्यक्ष हजरत मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक उसामा कासमी काजी ए शहर कानपुर ने समस्त नगरवासियों एवं प्रदेशवासियों को रमजान की हार्दिक बधाई दी है । मौलाना ने रमजान मुबारक की अच्छाइयों पर चर्चा करते हुए कहा कि रमजान मुबारक का यह महीना आध्यात्मिक भोजन(रूहानी गिजा) प्रदान करता है और इंद्रियों (नफ्स) को बुराइयों से मुक्त करता है, और मनुष्य का संबंध कुरान, रोजा, तरावीह और नबी की सुन्नतों के सदके अल्लाह से जोड़ता है। मगर अफसोस से कहना पड़ रहा है कि इस वक़्त लाकडाउन होने की वजह से हमारे मुल्क समेत आधी से ज़्याद लाकडाउन की ज़िंदगी गुज़ार रही है, तमाम मुसलमान इस वर्ष घर में ही रहकर इबादत करें, रमज़ान के इस मुबारक महीने में हम दिल की गहराइयों के साथ अल्लाह की तरफ ध्यान लगाकर अपने गुनाहों की माफी मांगें और अपने लिये, अपने घरवालों, इलाके़, मुहल्ले, शहर, प्रदेश, देश समेत पूरी दुनिया को इस संक्रामक रोग से हिफाज़त और इससे जल्द निजात दिलाने के लिये दुआ करें। मौलाना ने कहा कि लाकडाउन के नियमों का पालन करते हुए कहीं पर भी भीड़ ना लगायें, स्वास्थ्य विभाग और विशेषज्ञों के द्वारा बताये जा रहे उपाय हमारे लिये, हमारे घरवालों और हमारे समाज की भलाई के लिये हैं इसलिये तमाम एहतियाती उपायों को उपायों को अपनाते हुए अपनी हिफाज़त करें, अपने घरवालों और अपने समाज की हिफाज़त में अपना योगदान दें। मौलाना ने कहा कि हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम रमज़ान के आगमन की खुशी में उसके स्वागत में दो महीने पूर्व से ही तैयारी करते थे और उम्मत को समझाया कि हम भी इस महीने का स्वागत करें। मौलाना ने कहा कि अल्लाह ने इस महीने में तीन हिस्से रखे हैं पहला हिस्सा रहमत का है हम दस दिन तक अल्लाह से ख्ूब रहमत मांगना चाहिए इसके बाद दूसरे दस दिन माफी के है इन दस दिनों में अल्लाह से खूब तौबा और माफी मांगनी चाहिए और अंतिम दस दिनों में जहन्नुम से आजादी की दुआ अल्लाह से मांगना चाहिए जब हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने जहन्नुम से आजादी की दुआ बतलाया कि तुम लोगों को जन्नत (स्वर्ग) की इच्छा(तलब) और जहन्नुम से आजादी की दुआ बार-बार मांगनी चाहिए। अल्लाह तआला हम लोगों को रमजान मुबारक की कद्र करने और सम्मान करने की तौफीक अता फरमाये।