कोरोना की जंगः आरपीएफ ने सामूहिक गाना गाकर सुरक्षा बलों का बढ़ाया मनोबल

कानपुर । कोरोना की लड़ाई में जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कभी थाली व ताली तो कभी दीपक जलाने की अपील कर देशवासियों में हौसला अफजाई कर रहे हैं तो वहीं आरपीएफ भी इस स्थित में सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ाने के लिए सामूहिक गाना गाया। सामूहिक गान से सुरक्षा बलों में उत्साह बढ़ा और शपथ ली कि अपने आस-पास कोई भी भूखा नहीं रहेगा।

देश में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए रेलवे ने सभी सवारी ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया है। इसके बावजूद रेलवे सुरक्षा बल रेलवे के भवनों और सामग्रियों की जिम्मेदारी के साथ सुरक्षा कर रहा है। यही नहीं स्टेशन के आस-पास की बस्तियों में बराबर भोजन वितरण भी कराया जा रहा है। स्टेशन परिसर पूरी तरह से यात्रियों से खाली रहने के बावजूद सुरक्षा में लगे सिपाही अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं। सन्नाटे दार स्टेशन में सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाले सिपाहियों को भी इस कोरोना की भयावहता महसूस हो रही है। ऐसे में सुरक्षा बलों का मनोबल कमजोर न हो इसके लिए प्रभारी निरीक्षक पीके ओझा ने एक गीत लिखा। इस गीत को आज सामूहिक रुप से गाया गया और सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ाया गया कि इस जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटना। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि सुरक्षा बलों के सदस्यों का मनोबल ऊंचा रखने तथा उनमें वर्तमान परस्थितियों में सकारत्मक सोच बनाये रखने के उदेश्य से एक समूह गान किया गया। सभी सुरक्षा बल के सदस्यों ने बदलेगा समय बदलेगा, निराशा का तमश हटेगा। फिर रोशनी आएगी यहां, जब आशा का दीप जलेगा। गीत गाकर शपथ ली कि स्टेशन परिसर के आस-पास कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहेगा और रेलवे सुरक्षा की जिम्मेदारी पूरी तन्मयता से निभाई जाएगी। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि देश इस समय कोरोना महामारी के जंग से लड़ रहा है और सभी को इस लॉकडाउन का पालन करना होगा।