कोरोना की जंग : ट्रेन के कोचों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर रहा रेलवे
- पहले चरण में तैयार हुए 11 आइसोलेशन वार्ड, 30 का है लक्ष्य



कानपुर । कोरोना के खिलाफ जंग में अब रेलवे भी तेजी से आगे रहा है। मॉस्क और सैनिटाइजर बनाने के बाद अब रेलवे ट्रेन के पुराने कोचों को आइसोलेशन वार्ड में तैयार कर रहा है। पहले चरण के तहत 11 कोचों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर दिया गया है और 14 अप्रैल तक लक्ष्य के मुताबिक 30 कोचों को आइसोलेशन वार्ड में बदल दिया जाएगा। हालांकि अभी इस लक्ष्य को और आगे भी कोरोना की महामारी को देखते हुए बढ़ाया जा सकता है। जो भी कोच आइसोलेशन वार्ड में तब्दील हो रहे हैं उसे रेलवे के स्वास्थ्य विभाग को सुपुर्द कर दिया जाएगा।

कोरोना पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए जंहा सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाये गए है वहीं रेलवे विभाग ने भी अनोखी पहल की शुरुआत कर दी है। कानपुर में एक ट्रेन के तीस कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी में इजाफा होते देखकर अब आइसोलशन वार्ड बढ़ाने की तैयारियां शुरु हो गई हैं। इस ओर रेलवे ने भी कदम बढ़ाए हैं। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को क्वांरटाइन में रखने के लिए सात बेड लोको अस्पताल और छह बेड अनवरगंज स्थित आरपीएफ की छोटी बैरक में व्यवस्था करने के बाद अब आइसोलेशन वार्ड तैयार करने में रेलवे जुट गया है। इसके लिए रेलवे ट्रेन को पुराने कोचों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

आठ मरीजों की होगी एक कोच में व्यवस्था
कानपुर सेंट्रल स्टेशन के उप यातायात प्रबंधक हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि तीस कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया जा रहा है। प्रत्येक कोच में आठ मरीजों के रुकने की व्यवस्था होंगी। कोच के केबिन में पैरामेडिकल स्टाफ के साथ आक्सीजन की पूरी व्यवस्था रहेगी। कोच में टॉयलेट है उसको वॉशरूम में तब्दील किया जा रहा है, जिससे किसी भी मरीज को परेशानी ना हो।                      
प्रभारी का कहना
न्यू कोचिंग कांप्लेक्स के प्रभारी संजय अवस्थी ने बताया कि आइसोलेशन कोच तैयार करने के लिए पुराने आइसीएफ (इंट्रीग्रल कोच फैक्ट्री) कोच का इस्तेमाल किया जा रहा है। जो 17 कोच केयर यूनिट के पास आए हैं वह कानपुर में ही चल रहे थे। यहां अगर कोच उपलब्ध नहीं हो पाएंगे तो दूसरे स्थानों से मंगाए जाएगे। एक कोच में आठ मरीजों के लिए बेड तैयार किए जा रहे हैं। वहीं कोच में एक तरफ शौंचालय तो दूसरी तरफ स्नानागृह तैयार किया है। मच्छरों से बचाव के लिए खिड़कियों पर नटबोल्ट की वेल्डिंग करने के बाद उस पर मच्छरदानी लगाई जा रही है। साइड अपर बर्थ के स्थान पर आक्सीजन सिलेंडर रखने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया पहले चरण में 17 में 11 कोचों का काम पूरा होने की कगार पर है। कोच की फिटनेस चेक कराने के बाद इन्हें सैनिटाइज कराकर बंद किया जाएगा। 30 कोच की रेक तैयार होने के बाद इसे रेलवे के स्वास्थ्य विभाग के सुपुर्द किया जाएगा।