कोरोना की जंग : आरपीएफ ने रेलवे चालकों व गार्डों को किया सम्मानित

कानपुर । वैश्विक महामारी बना कोरोना वायरस को लेकर हर तरफ मदद के लिए लोगों के हाथ आगे बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही जो लोग कारोना महामारी में भी अपनी निष्ठा के साथ ड्यूटी कर रहे हैं उन्हे सम्मानित किया जा रहा है, चाहे वह सफाई कर्मी हो या डाक्टर। इसी क्रम में कोरोना की जंग में लोगों तक आवश्यक वस्तुएं पहुंचाने में लगे रेलवे पार्सल गाड़ियों के चालकों व गार्डों को गुरुवार को आरपीएफ ने बुके देकर सम्मानित किया। आरपीएफ के सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि आपके काम को सलाम है और आपकी मदद के लिए रेलवे सुरक्षा बल पूरी मुस्तैदी से खड़ा है।
कोरोना वायरस के संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए पूरे देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21 दिनों के लिए लॉकडाउन घोषित कर दिया है। वहीं रेलवे भी इस संक्रमण को रोकने के लिए समस्त सवारी गाड़ियों का परिचालन पूरी तरह से रोक दिया, पर पार्सल गाड़ियों का संचालन बराबर जारी है। जिससे आम जनमानस को आवश्यक सामग्री के लिए परेशान न होना पड़े। इस महामारी में भी पार्सल गाड़ियों में लगे चालक व गार्ड्स अपनी जिम्मेदारी का सही से निर्वहन कर रहे हैं। ऐसे में रेलवे सुरक्षा बल कानपुर ने पार्सल गाड़ियों में लगे चालकों व गार्डों को सम्मानित करने का फैसला लिया। जिसके तहत गुरुवार को थाना प्रभारी पीके ओझा के नेतृत्व में आरपीएफ की टीम ने स्टेशन पहुंचने पर एक पार्सल गाड़ी के चालक और गार्ड को बुके देकर सम्मानित किया और कहा गया कि आपके काम को आरपीएफ सलाम करता है। थाना प्रभारी ने बताया कि जो भी पार्सल गाड़ी कानपुर से गुजरेगी उन सभी चालकों व गार्डों को आरपीएफ सम्मानित करेगी। इसके साथ उनका हौसला आफजाई करने का काम किया जाएगा। जिससे उनका मनोबल न गिरे और आम जनमानस को सही समय पर आवश्यक वस्तुएं पहुंचती रहें।
महामारी में आरपीएफ ने बदली भूमिका
आरपीएफ थाना प्रभारी पीके ओझा ने बताया कि रेलवे सुरक्षा बल उत्तर मध्य रेलवे पारंपरिक रुप से कर्मियों की एक ईमानदार और अनुशासित टीम रही है, जो भारतीय रेलवे और जनता की सुरक्षा के मुद्दों पर काम करने के लिए समर्पित है। यही नहीं आईआर ग्राहकों की आकांक्षा को पूरा करने और प्रशासन की मांगों के प्रति हमेशा अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। पारंपरिक रुप से एक सख्त चेहरे वाले बल ने देशव्यापी तालाबंदी के बाद महामारी कोविड -19 के कारण अपनी भूमिका बदल दी। आरपीएफ, उत्तर मध्य रेलवे मानवीय दृष्टिकोण के साथ सामने आया और रेलवे प्रतिष्ठानों और परिसंपत्तियों को सुरक्षित करने के लिए नियमित रुप से कर्तव्य निभाने के अलावा, सामाजिक भेदभाव और स्वच्छता के मानदंडों को बनाए रखने के साथ गरीब और जरुरतमंदों को भोजन परोसना भी शुरु कर दिया। बताया कि आज भी स्टेशन के आस-पास की बस्तियों में जो लोग इस आपदा में भूखे हैं उन्हे भोजन कराया गया और साथ कोरोना की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए मॉस्क का भी वितरण किया गया।
कोरोना से दूर हैं आरपीएफ कर्मी
थाना प्रभारी ने बताया कि आरपीएफ प्रशासन पेशेवर और सामाजिक जिम्मेदारियों को पूरा करने के अलावा अपने कर्मियों के स्वास्थ्य पर कड़ी नजर रख रहा है, क्योंकि उनके पास जोखिम का उच्च जोखिम है। बताया कि कोरोना वायरस से सुरक्षित रहने के लिए बरती जाने वाली सावधानियों के संबंध में संवेदीकरण कार्यक्रम आयोजित करने के साथ-साथ सीओवीआईडी -19 की किसी भी बीमारी या लक्षणों के लिए सभी कर्मचारियों की नियमित निगरानी की जा रही है। अभी तक आरपीएफ कर्मचारियों में से किसी में भी कोविड-19 के लिए कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिला है। यही नहीं आरपीएफ कर्मियों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए समय-समय पर कोरोना से संबंधित बराबर जानकारी भी दी जा रही है। जिससे सुरक्षा कर्मी अपना बराबर ख्याल भी रख रहे हैं।