जून में जमा करें अभिभावक फीस, जिलाधिकारी ने दिए आदेश
लॉक डाउन में कामकाज बंद होने से घर पर बैठे अभिभावकों को समय मिलने से परेशानी हुई कम


कानपुर । कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से चल रहे लॉक डाउन की अवधि में अभिवावकों को फीस जमा करने का समय बढ़ाकर जिलाधिकारी ने थोड़ी राहत दी है। अब बच्चों की फीस अप्रैल, मई में नहीं जमा करनी होगी, इसकी अवधि बढ़ाकर जून कर दी गई है।  

कोरोना वायरस के दौरान हुए लॉक डाउन के चलते अभिवावकों की जेब कहीं न कहीं घरेलू खर्चों में खाली होने की कगार पर आ गई है। बहुत तो ऐसे लोग है जो रोज कमाकर अपने बच्चों को पढा रहे हैं पर 21 दिन के लिए खाली बैठने के चलते वो लगभग कई महीने पीछे पहुच गये हैं। हालांकि सरकार ने सभी प्राइवेट कंपनियों को ये आदेश दिया है कि कोई भी कम्पनी अपने वर्कर का पैसा नहीं काटेगी। पर सबसे बड़ी बात है जब कम्पनी में काम ही बन्द पड़ा है तो कम्पनी भी इस माह कैसे पैसे देगी। कम्पनी भी अपने लोगों को पैसे कुछ समय बाद ही देगी। सभी स्कूलों का फीस भरने का समय आ गया है और अभिवाविकों ने अनुरोध किया था कि अभी उनसे फीस न ली जाए, उसके लिए समय बढ़ा दिया जाए।

कई स्कूलों में तो आनलाइन क्लासेस भी शुरू हो चुकी है। इन सबके बीच अभिभावकों को इसी बात की सबसे ज्यादा चिंता थी कि लॉक डाउन की वजह से सबकुछ बंद हैं। आमदनी हो नहीं रही है, ऐसे में वह बच्चों की फीस किस तरह से जमा करेंगे। कुछ स्कूलों की तरफ से बच्चों की फीस को जमा करने का दबाव भी बनाया जा रहा था। लगातार आ रही शिकायतों के बाद जनपद के जिलाधिकारी डॉ ब्रह्म राम देव तिवारी ने रविवार को जनपद के सभी स्कूलों को आदेश किया है कि वह सभी इस तिमाही के पैसा अप्रैल, मई और में न लें।

उन्होंने कहा कि यूपी बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएसई बोर्ड के प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों को दिये गए आदेश  में कहा है कि लॉक डाउन की वजह से बच्चों की अप्रैल, मई और जून की फीस, जोकि अप्रैल में ही पूर्व के वर्षों में जमा करायी जाती थी, उसे अप्रैल और मई माह में न जमा कराया जाए। यह फीस जून माह में जमा कराई जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि आगे के महीनों में किस तरह स्कूल प्रबंधन फीस लेगा, उसका चार्टर भी तैयार कर अपने स्तर से अभिभावकों को बताया जाए। अप्रैल और मई में फीस न जमा करने पर किसी छात्र का नाम भी नहीं काटा जाना चाहिए। इन नियमों को न मानने पर स्कूल के खिलाफ सख्त कार्यवाही भी की जा सकती है।