कानपुर । देश में इस संकट की घड़ी में जिस तरीके से लोग परेशान हैं और उन मजबूर लोगों को राहत पहुंचाने के लिए देशवासी संभ्रांत नागरिक समाज सेवी संगठन जी जान से जुटे हुए हैं लेकिन शायद गंगा रेती में रहने वालों का किसी को ध्यान नही रहा जिन्हें काफी कठिनाइयों का इस वक्त सामना करना पड़ रहा है। इसी कड़ी में कानपुर की एक छात्रा ने अपने सुख-सुविधाओं की परवाह किए बिना की इस संकट की घड़ी में उन जरूरतमंद लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने का बीड़ा उठाया है जो गंगा रेती किनारे बसे हुए हैं और वहां से बाहर भी नहीं आ सकते है। आपको बताते चलें कि यह छात्रा एकता अग्रवाल एमबीए की छात्रा है जहां वह खुद ही नाव से उन लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने का कार्य कर रही है जहां लोगों का ध्यान नहीं जा पाता है इस दौरान छात्रा नाव से सूखे दाल चावल की बोरियां गंगा रेती में रहने वाले लोगों के लिए पहुंचाने में जुटी हुई है छात्रा एकता अग्रवाल का कहना है कि हर तरफ इस समय बंदी है ऐसे में शहर की तरफ तो शासन प्रशासन और समाजसेवियों द्वारा लोगों को राहत पहुंच जाती है लेकिन गंगा किनारे रेती के पास रहने वाले नाव चलाने वाले लोग ना तो शहर पहुंच पाते हैं और ना ही उनको राहत सामग्री मिल पा रही है पूरी तरीके से उनका जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है इसलिए एक कोशिश की गई है कि इन सभी को भी राहत सामग्री की व्यवस्था कराई जाए इसलिए मैंने खुद ही इन गंगा रेती किनारे रहने वाले लोगों को नाव से दाल चावल सामग्री वितरित कर राहत पहुंचाने का कार्य किया है
जरूरतमंद लोगों तक राहत सामग्री पहुँची