जानकारी छुपा कोरोना पॉजिटिव का इलाज करने में कानपुर का निजी अस्पताल सील

— मृतक कुछ दिन पूर्व शहर आए जमातियों के सम्पर्क में था आया
— सावधानी के साथ अस्पताल के गेट पर लगाई गई पुलिस

कानपुर । उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में पहली कोरोना पॉजिटिव की मौत के बाद प्रशासन की नींद उड़ गई है। जांच में सामने आया है कि मौत से पूर्व एक निजी अस्पताल ने बिना जानकारी दिए मृतक को भर्ती कर इलाज किया जा रहा था। इस घोर लापरवाही को देखते हुए जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के साथ बैठक कर अस्पताल को सील करने की कार्यवाही अमल में लाई गई है।

अस्पताल में सील करते हुए पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और मृतक कोरोना पॉजिटिव का इलाज करने वाले डॉक्टर व स्टॉफ से पूछताछ के साथ थर्मल स्कैनिंग व क्वारंटाइन कराने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा उनके जांच के लिए नमूना लिए जाने की तैयारी शुरु कर दी गई है।

कर्नलगंज थाना क्षेत्र स्थित तिकुनिया पार्क स्थित हुमायुं मस्जिद की देखरेख करने वाले मुतवल्ली के भाई मो. अरशद को हैलट अस्पताल के कोविड—19 के लक्षण होने के चलते बीते शनिवार को भर्ती कराया गया था। जहां सोमवार को उनकी मौत हो गई। कोरोना संक्रमित की मौत को देखते हुए प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने कोविड—19 के प्रोटोकॉल के तहत शव को सावधानी के साथ शव को देर शाम दफन करा दिया। इस बीच जैसे ही मृतक की लखनऊ से जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई कानपुर प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ गई। इस बीच जांच व पूछताछ में सामने आया था मृतक कोरोना पॉजिटिव को चुन्नीगंज स्थित अपोलो स्पैक्ट्रा अस्पताल से हैलट अस्पताल रेफर किया गया था। जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि निजी अस्पताल ने बिना प्रशासन को बिना किसी सूचना दिए आईसीयू में रखकर इलाज किया जा रहा था। मामला बिगड़ने पर अस्पताल प्रबंधन ने उसे हैलट भेज दिया था।

इस मामले में मंगलवार को जिलाधिकारी डॉ. ब्रह्मदेव राम तिवारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी अशोक कुमार शुक्ला के साथ स्वास्थ्य विभाग व पुलिस अफसरों के साथ बैठक की। बैठक में निर्णय लिया गया था कोरोना पॉजिटिव के सम्पर्क में आने वाले परिजन के साथ रिश्तेदारों समेत मस्जिद व इलाकों को सील कर सेनेटाइज कराया जाए और वैश्विक आपदा कोरोना को लेकर नियमों का उल्लंघन करने में सबसे बड़ी लापरवाही बरते जाने के चलते अपोलो अस्पताल को सील कर दिया जाए। जिलाधिकारी के आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीमें व पुलिस फोर्स ने अस्पताल पहुंचकर सील करते हुए पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
सूत्रों की मानें तो स्वास्थ्य विभाग अस्पताल का लाइसेंस रद्द किए जाने सहित संचालक व डॉक्टरों पर भी प्रैक्टिस पर रोक लगाए जाने की कार्यवाही कर सकती है। फिलहाल प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना पॉजिटिव की मौत के बाद जनपद में यह सबसे बड़ी कार्यवाही है।

अस्पताल स्टॉफ के साथ संपर्क में आने वाले होंगे क्वारंटाइन
स्वास्थ्य विभाग कोरोना पॉजिटिव की मौत को देखते हुए अपोलो अस्पताल के सभी लोगों को क्वारंटाइन कराने में जुट गई है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम पुलिस के साथ अस्पताल पहुंच गई है और अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान आए—गए लोगों के बारे में पता लगा रही है। सीएमओ ने बताया कि अस्पताल में काम बंद करा दिया गया है। स्टॉफ के सभी लोगों को क्वारंटाइन कराया जा रहा है। अस्पताल को भी बंद कर आसपास के एरिया का भी सेनीटेशन कराया जा रहा है।  

मामले में सीएमओ का कहना
मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ. अशोक कुमार शुक्ला ने बताया कि कानपुर में अब तक कुल 12 केस कोरोना के सामने आए हैं। इस दौरान जिले में कोरोना पॉजीटिव की पहली मौत बीते दिनों जमातियों के सम्पर्क में आने वाले की हुई है। सीएमओ ने बताया कि चुन्नीगंज स्थित निजी अपोलो अस्पताल को बंद कराते हुए कार्यवाही की जा रही है।