इंस्पेक्टर नजीराबाद की मनमानी, ड्यूटी से लौट रही नर्स का काटा चालान
लॉक डाउन के दौरान इंस्पेक्टर का पत्रकारों व स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों से अभद्रता के लगातार आ रहे सामने


कानपुर । कोरोना जैसी महामारी से जंग में जहां अपनी जान जोखिम में डालने वाला मेडिकल स्टाफ दिन रात जुटा है, वहीं कुछ गैरजिम्मेदार सरकारी लोग इन्हें हतोत्साहित करने में जुटे हैं। मंगलवार को एक नर्सिंग स्टाप का कार्ड दिखाने के बाद भी विवादों में रहने वाले नजीराबाद प्रभारी निरीक्षक द्वारा चालान कर दिया गया जिससे मेडिकल विभाग में रोष व्याप्त है।
कोरोना वायरस से लड़ाई में लड़ने में अहम भूमिका निभाने वाले मेडिकल के लोगों को जहां देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इनके कार्य की सराहना कर रहे हैं। वहीं कानपुर के नजीराबाद के विवादित थाना प्रभारी निरीक्षक मनोज रघुवंशी किसी के भी आदेशों को नहीं मान रहे हैं।
दरअसल, सोमवार को देर शाम अपनी शिफ्ट खत्म करके ममता रानी, स्टाफ नर्स, कांशीराम हॉस्पिटल अपने घर जा रहीं थीं। नजीराबाद थानाक्षेत्र के अंतर्गत से स्कूटी से निकलने के दौरान स्टॉफ नर्स को रोक लिया। इंस्पेक्टर मनोज रघुवंशी ने उनसे घर से बाहर निकलने का कारण पूंछा। नर्स ममता ने जब बताया कि वह अपनी शिफ्ट खत्म करके आ रही हैं तो प्रभारी निरीक्षक ने उनके कागज मांगे और चालान काट दिया। महिला ने जब कहा कि वो ड्यूटी कार्य लिए जा सकती है जिसकी परमिशन स्वयं देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री दे चुके हैं। इस पर प्रभारी निरीक्षक का गुस्सा तूल पकड़ गया और बोले ऐसे कई फर्जी कार्ड बनाकर लोग घूम रहे हैं। जिससे शिकायत करनी है कर दो। नर्स का चालान काटे जाने की जानकारी पर मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग कर्मियों ने नाराजगी जताई और आईजी, एसएसपी ने मामले को अवगत कराया। जिसके बाद नजीराबाद क्षेत्राधिकारी गीतांजलि सिंह ने बताया कि, इंस्पेक्टर की अभद्रता का मामला सामने आया है। उनके द्वारा काटा गया वाहन चालान निरस्त किया जाएगा। जांच की जा रही है। जांच के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
विवाद से गहरा नाता रखते हैं यह प्रभारी निरीक्षक
आपको बता दें, नजीराबाद थाना में तैनात प्रभारी निरीक्षक मनोज रघुवंशी का ये कारनामा कोई पहली बार का नहीं है, अभी हाल ही में भी इन महाशय ने एक न्यूज चैनल के पत्रकार साथ लॉक डाउन में कवरेज के दौरान अभद्रता कर उनके वाहन का चालान काट दिया था। जिसके बाद अधिकारियों से शिकायत के बाद ,आईजी कानपुर ने इसके लिए पूरे जोन में लिखित आदेश जारी किया था, लेकिन नजीराबाद थाना प्रभारी किसी की नही सुनते।