गरीबो के बाद अब मध्यमवर्गीय परिवारों के सामने भी रोटी का संकट

कानपुर-कोविड-19 की  बढ़ती चेन तोड़ने के लिए जिला प्रशासन द्वारा लॉक डाउन का समय आगे बढ़ा दिया गया।एक तरफ अनदेखे दुश्मन कोरोनावायरस से जान का खतरा तो वहीं दूसरी ओर बेरोजगारी के कारण भूख की मार इन दोनों तरफ से पड़ती मार से जनता का हौसला भी अब जवाब देने लगा है। पहले भूख का खतरा गरीबों के ऊपर था परंतु अब वही खतरा निम्न मध्यम वर्ग को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। इन सारी मुश्किलात को देखते हुए देश व प्रदेश की सरकारें अपने स्तर से कार्य कर रही हैं तो इस मुश्किल समय में सामाजिक लोग भी अपने फर्ज को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इसी क्रम में सपा महिला प्रदेश सचिव नूरी शौकत भी अपने दायित्व का बखूबी निर्वहन कर रही हैं नूरी शौकत ने अब गरीबों के साथ निम्न मध्यम वर्ग को (जो किसी के आगे हाथ नहीं फैला सकता) चिन्हित कर उनके घरों में राशन पहुंचाने का कार्य शुरू कर दिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार नूरी शौकत में निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए आटा तीन प्रकार की दाल,चावल,कड़वा तेल,चाय की पत्ती,नमक,शक्कर आदि के पैकेट बनाकर उनके घरों में पहुंचाने का कार्य शुरू कर दिया है। नूरी शौकत ने बताया गरीबों के लिए तो हर कोई काम करता है लेकिन निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों की तरफ किसी का ध्यान नहीं जाता।उन्होंने कहा यह ऐसे परिवार होते हैं जो किसी के सामने हाथ फैला कर मदद भी नहीं मांग सकते और लाक डाउन के कारण बंद हुए कारोबार से गरीबों के साथ उन परिवारों के सामने भी पेट भरने की मुश्किल खड़ी हो गई है। नूरी शौकत ने आगे कहा यही सोचकर उन्होंने यह निर्णय लिया कि गरीबों के साथ उन मध्यमवर्गीय परिवारों की मदद भी की जाए जो इस समय सहायता के असल हकदार हैं,नूरी शौकत ने उन परिवारों को चिन्हित करने और उन तक राशन पहुंचाने की जिम्मेदारी पूर्व पार्षद आयशा बेगम,इशरत, अशरफ अली,गोसीया,सुमन,राहुल,मो0साद,गोलू सिंह,रजत,कौशल, शिवा, संभु को  दे रखी है जो जरूरतमंद परिवारों को चिन्हित कर चुपचाप उनके घरों में राशन पहुंचाएंगे,जिससे उन परिवारों की समाज में इज्जत भी बनी रहे और उनकी मदद भी हो सके।विदित हो कि सपा नेत्री ने लाक डाउन शुरू होने के समय से ही अपने निवास के पास जनता किचन की स्थापना भी की हुई है जहां रिक्शा चालक दिहाड़ी मजदूर व गरीब परिवार भूख के कारण अपने पेट में लगी आग बुझाते हैं,सपा नेत्री इस के इस जनता किचन में भी लगभग 300 से 400 लोगों का भोजन तैयार किया जाता है।