कानपुर, विश्व में फैली कोरोना महामारी से जहां विश्व में कोहराम मचा है जिसका आंशिक असर भारत में भी है,कोरोना महामारी के कारण देश में गरीब दिहाड़ी मजदूर को एक वक्त का खाना मिलना मुश्किल हो रहा है तो वही देश में हर तरफ गरीबों के मददगारो ने भी अपनी भूमिका का निर्वहन करते हुए गरीबों के खाने की व्यवस्था शुरू कर दी है। गरीबों के लिए सामाजिक संस्थाओं ने हमदर्दी का हाथ बढ़ाया तो वही राजनीतिक व्यक्तियों ने भी इस संकट की घड़ी में देश के गरीबों के लिए अपने द्वार खोल दिए जो यह दर्शाता है कि भारत में आज भी मानवता का राज है।प्राप्त जानकारी के अनुसार सपा महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश सचिव नूरी शौकत व उनके साथ पूर्व पार्षद आयशा बेगम ने जनता के लिए भंडारे की व्यवस्था की है,जहां उन्होंने राशन का इंतजाम किया हुआ है,इस भंडारे की विशेषता क्षेत्र की गरीब महिलाएं हैं,जो अपने परिवार के खाने के साथ क्षेत्र के गरीब रिक्शा चालकों,दिहाड़ी मजदूरों,ठेला चालकों या फुटपाथ पर रहने वाली गरीब जनता के लिए भी खाना तैयार कर देती हैं,जिससे उन गरीब परिवारों को भी भरपेट भोजन मिलता है व अन्य गरीबों का भी पेट भरता है।सपा नेत्री नूरी शौकत ने पत्र से वार्ता करते हुए बताया देश पर आई इस आपदा को देखते हुए पूर्व पार्षद आयशा बेगम से प्रेरणा लेकर,अपनी हैसियत के हिसाब से गरीबों का पेट भरने का प्रण लिया और कोशिश की कि किसी गरीब के काम आ जाऊं,जिसमें उनका सहयोग पूर्व पार्षद आयशा बेगम के साथ क्षेत्र की गरीब महिलाओं ने दिया,उन्होंने कहा हमने सूखा राशन यहां मंगवा दिया है जिसको क्षेत्र की महिलाएं तैयार कर देती जिससे यहाँ एक भंडारे जैसा नज़ारा देखने को मिलता है, यहां बनने वाले खाने को उनके सहयोगी फुटपाथ पर रहने वाले गरीब बेसहारा मजदूरों को पहुंचा देते हैं जिससे उन गरीबो का भी पेट भर जाता है,इसी के साथ उनके साथी मोहित शुक्ला,इशरत अली,हसीब,अजीम,फौजिया आदि लोग गरीब परिवारों को सूखा राशन उनके घर तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं।
देश पर आए संकट को देखते हुए गरीबों की मदद को कोई पीछे रहना नहीं चाहता