छावनी में दर्दनाक हादसे में उजड़ गया एक मांग का सिंदूर, बेसहारा हुआ सात साल का मासूम





कानपुर।। छावनी स्थित मिलेट्री एरिया में सोमवार को दर्दनाक हादसे में एक मांग का सिंदूर उजड़ गया तो सात साल के मासूम बेसहारा हो गया। मिलेट्री एरिया की सीवर लाइन की सफाई के लिए चैंबर में उतरा कर्मी जहरीली गैस की चपेट में आकर बेहोश हो गया और सीवर में डूबकर उसकी मौत हो गई। घटना की जानकारी होते ही परिवार में कोहराम मच गया और पत्नी व बच्चे बेसुध हो गए।

टैगोर रोड सर्वेंट क्वार्टर निवासी 28 वर्षीय पवन एमईएस के ठीकेदार अजय अरोड़ा की देखरेख में सीवर लाइन की सफाई का काम करते थे। पवन के साले वीरू ने बताया कि सोमवार की सुबह बहनोई का फोन आया था। बहनोई पवन ने एजी साहब के बुलाने की बात कही तो वह 12.00 बजे पहुंचा। उनसे एएनटी दफ्तर के पास ट्रक लाइन में मिलने वाली ब्रांच लाइन के एक चेंबर की सफाई के लिए कहा गया। वीरू का आरोप है कि ठेकेदार ने बिना किसी सुरक्षा उपकरण के दोनों को सफाई के लिए भेज दिया।

वीरु ने बताया कि पवन 20 फीट गहरे सीवर लाइन के चेंबर में उतर गया और जहरीली गैस की चपेट में आकर बेहोश होकर गिर पड़ा। काफी देर तक कोई जवाब न मिलने पर उसने एजी विजेंदर शर्मा व ठेकेदार को जानकारी दी। आनन-फानन सेना के अफसर जवानों के साथ पहुंचे। रस्सी बांधकर दूसरे मजदूर अमर को नीचे उतारने का प्रयास किया गया लेकिन अंदर जाते ही उसका दम घुटने लगा। इसपर सेना के जवानों के उसे ऊपर खींचा। बाद में उसे आक्सीजन सिलेंडर के साथ नीचे उतारा गया। करीब पौन घंटे की मशक्कत के बाद अमर ने पवन को बांधकर बाहर निकाला। स्वजन पवन को उर्सला अस्पताल ले गए, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पवन के परिवार में पिता अनोखे लाल, मां वीना देवी, पत्नी रंजना, भाई गगन, बहन कविता उर्फ लाडो व बेटा अरमान है। रंजना चार माह की गर्भवती है। पवन की मौत की खबर घर पहुंचते ही कोहराम मच गया। रंजना को लेकर उर्सला अस्पताल पहुंचे तो शव देखकर वह गश खाकर गिर पड़ी। किसी तरह पानी के छींटे मारकर उसे होश में लाया गया।

लोगों की मानें तो पवन जिस लाइन में सफाई के लिए उतरा था वह ट्रंक लाइन में मिलने वाली मिलेट्री एरिया की ब्रांच लाइन का चेंबर था। अगर ट्रंक लाइन के चेंबर में उतरता तो उसमें सीवर के पानी का बहाव इतना तेज रहता है कि शव भी नहीं मिलता।

सभी कर्मचारियों को बिना सेफ्टी उपकरणों के काम न करने के निर्देश हैं। सभी को पहले से किट दी जा चुकी है। कंप्लेन 34-1 की आयी थी, जहां पवन सफाई करने गया वहां से कोई लेना देना नहीं है। पवन उस चेंबर में काम करने क्यों गया था, इसकी जानकारी नहीं है। -अजय अरोड़ा, ठीकेदार एमईएस