कानपुर । कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन की वजह से सेंट्रल स्टेशन के आस-पास रहने वाले गरीब व भिखारियों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। उनकी इस समस्या को देखते हुए सेंट्रल स्टेशन की आरपीएफ ने सभी भूखे लोगो को लंच पैकेट देकर उनकी भूख को शांत करने का काम किया।
देश आज एक ऐसी महामारी से जूझ रहा है जो न तो किसी अमीर को देखती है और न गरीब को यह सबके लिए बराबर है। यही कारण है कि 21 दिनों के लिए पूरे देश को लॉक डाउन करना पड़ा। लॉक डाउन के चलते गरीब तबके के लोग खासा परेशान हो रहे हैं। उनकी परेशानी दूर करने के लिए सरकार सहित सभी सामाजिक सेवाएं भी लगी हुई हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इस महामारी में सभी पुलिस कर्मी और अन्य सेनाओं के लोग इसमे बढ़ चढ़ कर भाग ले रहे है। इसी कड़ी में कानपुर सेंट्रल के पास बनी मलिन बस्ती में शनिवार को आरपीएफ ने खाना बांटा। इस दौरान आरपीएफ के सिपाहियों ने सोशल डिस्टेन्स का ध्यान रखते हुए सबको एक मीटर की दूरी पर रहकर ही लंच पैकेट दिए।
आरपीएफ इंस्पेक्टर प्रदुम्न कुमार ओझा ने बताया कि स्टेशन के बाहर काफी तादात में गरीब रहते है। यह लोग भीख मांगकर अपना पेट भरते है, लेकिन लॉक डाउन की वजह से इनके सामने समस्या खड़ी ही गई है। ऐसे गरीब लोगों को लंच पैकेट देकर उनकी भूख को मिटाने का काम किया गया है। उनका यह भी कहना है कि अब रोजाना इनको लंच पैकेट दिया जाएगा,जिससे इनको भूखा ना रहना पड़े।
देश आज एक ऐसी महामारी से जूझ रहा है जो न तो किसी अमीर को देखती है और न गरीब को यह सबके लिए बराबर है। यही कारण है कि 21 दिनों के लिए पूरे देश को लॉक डाउन करना पड़ा। लॉक डाउन के चलते गरीब तबके के लोग खासा परेशान हो रहे हैं। उनकी परेशानी दूर करने के लिए सरकार सहित सभी सामाजिक सेवाएं भी लगी हुई हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इस महामारी में सभी पुलिस कर्मी और अन्य सेनाओं के लोग इसमे बढ़ चढ़ कर भाग ले रहे है। इसी कड़ी में कानपुर सेंट्रल के पास बनी मलिन बस्ती में शनिवार को आरपीएफ ने खाना बांटा। इस दौरान आरपीएफ के सिपाहियों ने सोशल डिस्टेन्स का ध्यान रखते हुए सबको एक मीटर की दूरी पर रहकर ही लंच पैकेट दिए।
आरपीएफ इंस्पेक्टर प्रदुम्न कुमार ओझा ने बताया कि स्टेशन के बाहर काफी तादात में गरीब रहते है। यह लोग भीख मांगकर अपना पेट भरते है, लेकिन लॉक डाउन की वजह से इनके सामने समस्या खड़ी ही गई है। ऐसे गरीब लोगों को लंच पैकेट देकर उनकी भूख को मिटाने का काम किया गया है। उनका यह भी कहना है कि अब रोजाना इनको लंच पैकेट दिया जाएगा,जिससे इनको भूखा ना रहना पड़े।