त्यौहार आते ही शुरू हो जाता है मिलावट खोरों का गोरखधंधा




कानपुर । त्यौहार आते ही हर घर में बस एक ही चिंता सताने लगाती है, कि वो जो भी खाने पिने के सामान खरीद रहे है वो शुद्ध है या अशुद्ध। इतना ही नहीं जो दूध आप घरो में इस्तेमाल कर रहे है वो शुद्ध है या मिलावटी ये भी किसी को नहीं पता चलता। मगर इससे घबराने या शुद्धता से समझौता करने के बजाय इसकी जानकारी हम अपने घर में ही आसानी से कर सकते है। इस त्योहारी सीजन पर सर्कल एप आपको कुछ ऐसे ही घरेलू नुस्खे बताने जा रहा है। जिससे आप घर बैठे आसानी से मिलावटी सामानो की परख आप स्वयं कर सकते है। सबसे पहले ऐसे करे दूध में पानी की जांच इंस्टिट्यूट ऑफ़ ट्रांस्जेने लाइफ इंस्टिट्यूट के विशेषज्ञ राज कपूर के मुताबिक़ दूध में पानी मिला है या नहीं इसके लिए दूध के एक बून्द को डार्क शीशे या टाइल्स की सतह पर एक बूँद डालकर उस शीशे या टाइल्स को इतना झुकाये कि दूध का बूँद निचे की तरफ गिरने  लगे। अगर दूध की बून्द धीरे धीरे अपने पीछे सफ़ेद लकीर का निशान छोड़ने लगे तो समझिये दूध में पानी की मिलावट नहीं है। वही बिना किसी निसान के अगर दूध निचे सरक जाए, इसका मतलब उसमे पानी मिला है। दूध में यूरिया की जांच  दूध को गाढ़ा करने के लिए यूरिया की मिलावट की जाती है, इसकी जांच करने के लिए एक छोटा गिलास ले । गिलास में करीब पांच से दस एमएल दूध ले लें।  इसके बाद इसमे आधा चम्मच आरहर की  पीसा दाल या पीसी हुआ सोयाबीन मिला दे। इसके बाद इसे पांच से दस मिनट तक छोड़ दे। पांच मिनट के बाद इसे हिलाकर कर इसमे लाल लिटमस पेपर का एक टुकड़ा डाल दें, दूध में जाने के करीब दस सेकेण्ड के अंदर  लिटमस पेपर का रंग लाल से नीला हो जाए तो समझे कि इस दूध में यूरिया मिला हुआ है। अगर लाल लिटमस पेपर का रंग ना बदले तो समझे दूध में यूरिया की मिलावट नहीं की गयी है। दूध में डिटर्जेंट और स्टार्च की ऐसे करे जांच मिलावटी दूध में झाग उत्पन्न करने के लिए इसमें डिटर्जेंट की भी मिलावट धड़ल्ले से की जाती है। दूध में डिटर्जेंट पाउडर की मिलावट की जांच के लिए एक छोटे से ग्लास में जितना दूध उतना पानी मिला ले। इसके बाद इसे करीब पांच से सात मिनट तक जोर जोर से हिलाये। जब इसमें झाग उठने लगे तो इसे स्मेल करे। अगर इसमें डिटर्जेंट पाउडर मिला होगा तो उसकी महक आसानी से आने लगेगी। दूध में स्टार्च की मिलावट फैट लाने के लिए किया जाता है। इसकी जांच के लिए दूध को खौला लीजिये। इसके बाद इसे पूरी तरह ठंडा कर इसमें आयोडीन की दो से तीन ड्राप मिला दे। आयोडीन की बूँद डालते ही अगर दूध का रंग नीला हो जाए, इसका मतलब इसमे स्टार्च मिलाया गया है। हांलाकि आयोडीन मिलाने पर अगर दूध का रंग नीला ना हो, मगर वो हल्का पीला हो जाए इसका मतलब दूध में स्टार्च नहीं मिला है। दूध में वनस्पति या रिफाइंड की मिलावट दूध में वनस्पति या रिफाइंड की मिलावट दूध में चिकनाई लाने के लिए किया जाता है। इसकी जांच करने के लिए करीब पांच एमएल दूध ले। इसमें आठ से दस बूँद हाइड्रो क्लोरिक एसिड के साथ आधा चम्मच चीनी मिला ले। इसके बाद इसे करीब पांच से दस मिनट तक रख दे। अगर इस बीच दूध का रंग लाल हो जाए तो समझे इसमें रिफाइंड या वनस्पति की मिलावट की गयी है। जानिये कैसे तैयार होता है सिंथेटिक दूध बाजार में सिंथेटिक दूध का भी चलन जोरो पर है। त्योहारी सीजन खासकर दीपावली और होली के समय कानपुर के सुदूर ग्रामीण इलाको में धड़ल्ले से तैयार किया जाता है सिंथेटिक दूध।  सिंथेटिक दूध बनाने में पोस्टर कलर, रिफाइंड, शैम्पू या डिटर्जेंट, स्टार्च और पानी मिला दूध की आवशकता होती है। सिंथेटिक दूध बनाने के लिए सबसे पहले पोस्टर कलर और रिफाइंड को अच्छी तरह से मिला लेते है। उसके बाद उसमे शैम्पू जरुरत के मुताबिक़ डालकर इसे तबतक फेटते है जबतक इसमें झाग नहीं उठ जाता है। इसके बाद उस घोल को पानी मिले दूध में मिला देते है। तैयार हुए सिंथेटिक दूध को घर की छत पर धुप में 6 से 8 घंटे तक रखा जाता है, ताकि उसमे से शैम्पू या डिटर्जेंट की महक खत्म हो जाए।  मिलावटी दूध से पेट में जलन, डायरिया और निमोनिया तक हो सकती है। सिंथेटिक दूध में प्रोटीन, विटामिन एवं कैल्शियम कि मात्रा शून्य के बराबर होती है, जबकि कैलोरी की मात्रा हाई होती है। मिलावटी दूध के सेवन से मोटापा भी तेजी से बढ़ता है।