सुबह दुकानें खुलते ही टूट पड़े ग्राहक
कानपुर के घाटमपुर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद लॉकडाउन के पहले दिन बुधवार की सुबह जैसे ही आवश्यक वस्तुओं की दुकानों के शटर खुले वैसे ही ग्राहकों की भीड़ उमड़ पड़ी। खाने-पीने का सामान और फल-सब्जी खरीदने के लिए मारामारी की स्थिति नजर आई। पुलिस ने सुबह 10 बजे से गश्त शुरू करके दुकानें बंद करानी शुरू कर दीं। तमाम लोग सामान की खरीदारी भी नहीं कर पाए।

उपजिलाधिकारी वरुण कुमार पांडेय ने मंगलवार को आदेश जारी करके मंडी समिति परिसर में आवश्यक वस्तुओं फल-सब्जी और अनाज का बाजार लगाने की अनुमति दी है। इसकी व्यवस्था मंडी समिति के सचिव और पालिका के अधिशासी अधिकारी के जिम्मे सौंपी गई है। 

जिलाधिकारी के निर्देश, परचून की दुकानें रोजाना सुबह 4 बजे से 11 बजे तक खुलनी हैं। अधिकारियों के यह निर्देश पहले ही दिन अस्त-व्यस्त रहे।

फल-सब्जी बेंचने वाले फुटपाथी दुकानदारों ने दुकानें और ठेलिया सड़क किनारे लगाईं। मंडी परिसर में आढ़तियों ने थोक बिक्री शुरू की। परचून की दुकानों के शटर खुल गए जानकारी होने पर लोग सामान खरीदने के लिए पहुंचने लगे। लेकिन, तीन घंटे बाद पुलिस की गाड़ियां लॉकडाउन का एनाउंस करते हुए बाजारों में दौड़ने लगीं और पुलिस वाले 10 बजे से ही दुकानें बंद करवाने लगे।

लॉकडाउन में दुकानदार भी कालाबाजारी करने से नहीं चूक रहे हैं। पहले ही दिन आवश्यक सामानों के साथ ही फलों और सब्जी की बिक्री सामान्य रेटों से अधिक पर की गई। फुटकर सामान बेचने वाले दुकानदारों के साथ ही ठेलिया लगाने वालों ने बताया कि उनको थोक में ही महंगा सामान मिला है तो क्या करें। आम दिनों में 20-25 रुपये प्रति दर्जन के भाव पर बिकने वाला केला बुधवार को 40-50 रुपये दर्जन, आलू 30 रुपये किलो, टमाटर 40 से 60 रुपये किलो, भिंडी 50 रुपये किलो, करेला 60 रुपये, लौकी-कद्दू 40 रुपये और खीरा 50 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव बिका। वहीं, हरी मिर्च 20 रुपये की 100 ग्राम बिकी। जबकि, आटा, सरसों का तेल, चावल, शक्कर, गुड़, रिफाइंड, मैदा, मसाले और शैंपू-साबुन निर्धारित दामों से अधिक में बेचे गए। ग्राहकों ने बताया कि शक्कर 40 रुपये और गुड़ 45-50 रुपये प्रतिकिलो के भाव पर खरीदना पड़ा।