राशन की कालाबाजारी से नगर में बढ़ी राशन की किल्लत


कानपुर । कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाया गया लॉक डाउन का कदम राशन की कालाबाजारी करने वालों के लिए वरदान साबित हो रहा है। जिसके चलते कानपुर की जनता को राशन की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। विदित हो कि नगर प्रशासन राशन की कालाबाजारी रोकने का अथक प्रयास कर रहा है व क्षेत्र के संभ्रांत नागरिकों के साथ बैठक कर इस मुश्किल का हल खोज रहा है,ताकि इस मुश्किल समय में नगर की जनता को किसी समस्या का सामना ना करना पड़े।तो वहीं समाजसेवी संस्थाओं ने भी गरीबों की मदद के लिए आगे हाथ बढ़ा दिए हैं, परंतु कालाबाजारी करने वाले तो मानवता की सारी हदें पार करते हुए देश पर आई इस मुसीबत में भी अपने मुनाफे के लिए देश की जनता का खून पीने पर उतारू है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जाजमऊ,केडीए कॉलोनी,लाल बंग्ला वाजिदपुर अशरफाबाद मखदूम शाह की दरगाह,संजय नगर,ओम पुरवा रेलबाजार सुजातगंज मीरपुर,बाबू पुरवा,सुतर खाना,तेलयाना भूसाटोली हूलागंज,मोती मोहाल व शहर की सघन आबादी क्षेत्र तलाक महल बेकनगंज चमनगंज,इफ्तिखारबाद आदि क्षेत्रों में आटे की कीमत में कालाबाजारी के कारण भारी उछाल आया है।जो आटा लाक डाउन से पहले ₹28 किलो बिक रहा था वही आटा अब ₹60 किलो में बिक रहा है,जिस कारण आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में स्थानीय निवासियों ने बताया हमारे क्षेत्रों में महंगाई आसमान पर पहुंच गई है एक तरफ तो लाक डाउन के कारण सारा कारोबार बंद है तो वहीं खाने के सामान की कीमत आसमान पर पहुंच गई है।क्षेत्रीय जनता ने कहा हम लोग कोरोना वायरस से मरे या ना मारे परंतु कुछ दिन इसी तरह और लाक डाउन रहा तो भूख से जरूर मर जाएंगे। राशन की बढ़ी महंगाई के संबंध में क्षेत्रीय दुकानदारों से बात करने पर दुकानदारों ने बताया बंदी के कारण बाहर से राशन नहीं आने की वजह से थोक दुकानदारों ने हर माल की कीमत में दोगुना इजाफा कर दिया है,हम क्षेत्रीय दुकानदारों को तो अपने क्षेत्र के लोगों को ही माल बेचना है हम लोग अगर किसी से बढ़ाकर पैसा लेंगे तो आगे हम क्षेत्र में किसी से निगाह कैसे मिला पाएंगे।क्षेत्रीय दुकानदारों ने जिला प्रशासन से अपील की के थोक व्यापारियों को निर्देश दे कि वह राशन को ज्यादा कीमतों में हम फुटकर दुकानदारों को न दें जिससे हम लोग भी कोरोना कि इस जंग में देश का साथ दे सके।इस संबंध में उपजिलाधिकारी आपूर्ति से वार्ता का प्रयास किया गया तो उनसे सम्पर्क नही हो सका।