लॉकडाउन : चौथे दिन भी सड़कों पर पसरा सन्नाटा, हर जगह तैनात रही पुलिस

- जनता लॉकडाऊन का कर रही भरपूर समर्थन, आलाधिकारी कर रहें निगरानी
- घरों पर मौजूद हैं लोग, सुबह ही खुली आवश्यक सामग्री की दुकानें

कानपुर । कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी को रोकने के लिए कानपुर में 22 मार्च से लॉकडाउन है। बुधवार को चौथे दिन भी जनपद की सड़कां पर सन्नाटा पसरा रहा और शहर वीरान दिखा। लोगों ने घरों में रहकर लॉकडाउन के आदेशों का पालन कर रहें हैं, ताकि कोरोना जैसी महामारी जल्द समाप्त हो सके। लोगों को आवश्यक सामग्री खरीदने के लिए सुबह छह बजे से 11 बजे तक ही आवश्यक दुकानों को खोलने का समय दिया गया। इसी दौरान लोग सामग्री खरीदकर फिर घरों पर घुस गये और हर गली मोहल्ला व सड़कें वीरान रहीं। वहीं पुलिस भी जगह-जगह मुस्तैदी से डटी रही और अनावश्यक बाहर निकलने वाले लोगों पर कार्रवाई भी कर रही है। इसके साथ ही प्रशासनिक अधिकारी भी शहर का हाल लेने के लिए बराबर उनकी गाड़ियां घूमती रहीं। 
चीन के वुहान शहर से निकला जानलेवा कोरोना वायरस इन दिनों पूरी दुनिया के लिए महामारी बन चुका है। ऐसे में इससे बचने के लिए रविवार को पहले जनता कर्फ्यू फिर तीन दिनों के लिए लॉकडाउन और अब प्रधानमंत्री ने 14 अप्रैल तक पूरे देश में लॉकडाउन घोषित कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित किये गये लॉकडाउन के चलते बुधवार को चौथे दिन पुलिस और प्रशासन सख्त नजर आया। पुलिस की देखरेख में आवश्यक सामग्री की दुकानें सुबह छह बजे खुली और घड़ी की सुई जैसे ही 11 पर पहुंची तो पुलिस सभी दुकानों को बंद कराने लगी। इसी दौरान लोग घरों से बाहर निकले और आवश्यक सामग्री की खरीद कर अपने-अपने घरों पर चले गये। जो लोग इस दौरान बाहर मिले भी तो पुलिस उन सभी को घरों पर कैद कर दिया। हालांकि कुछ लोगों को छोड़कर आम जनमानस भी इस महामारी के खात्मे को लेकर सजग है और प्रधानमंत्री के आदेशों का अक्षरशः पालन कर रही है। इसी के चलते बुधवार को जनपद की सभी सड़कें वीरान रही और जो भी लोग निकल रहे थे वह बहुत ही जरुरी काम के लिए। यहां तक अस्पतालों में वही मरीज जा रहे थे जिनको भारी परेशानी रही। ज्यादातर लोग आवश्यक वस्तुओं की खरीद के लिए मोहल्ले तक ही सीमित रहे। हालांकि बैंक, अस्पताल और राशन दुकानें आदि आवश्यक कार्य के लिए खुले रहें, पर राशन दुकान को छोड़कर कहीं भी अधिक लोगों की भीड़ नहीं देखी गयी। किराना की दुकानों में भी सुबह ही लोगों की भीड़ रही और खाद्य सामग्री खरीदने के बाद फिर लोग अपने को घरों पर कैद कर लिये। इलाहाबाद बैंक मैनेजर सौरभ शर्मा ने बताया बैंक में सभी स्टाफ को नहीं बुलाया गया है, निर्धारित समय पर नाममात्र के ही ग्राहक आये। बताया कि सभी एटीएम में रुपया पर्याप्त है और किसी भी ग्राहक को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इस महामारी को रोकने के लिए लॉकडाउन ही बेहतर उपाया है और जनता का भी भरपूर सहयोग मिलता देखा जा रहा है।

जिला प्रशासन ने लिया जायजा - लॉकडाउन शहर में कितना प्रभावी है इसकी जमीनी हकीकत जानने के लिए जिलाधिकारी डा. ब्रह्म देव राम तिवारी एसएसपी अनंत देव के साथ सड़कों पर निकले। आलाधिकारियों ने कई इलाकों में घूम-घूमकर शहर का हाल लिया और ड्यूटी में मुश्तैद पुलिस कर्मियों को उचित दिशा निर्देश दिये। शहर के लगभग सभी चौराहों पर पुलिस गश्त करती दिखी और लोगों को घरों पर रहने की अपील की गयी। जिलाधिकारी डा. ब्रह्म देव राम तिवारी ने लोगों से अपील की कि कहीं बाहर न निकलें। अनावश्यक भीड़ न लगाएं और सार्वजनिक स्थानों पर न जाए, क्योंकि वे उस दौर में खड़े हैं, जहां थोड़ी सी भी लापरवाही नुकसानदेह हो सकती है। जनपद में पूरी तरह पुलिस और प्रशासन की गश्त बनी हुई है। जनपद में किसी भी तरह की कोई गतिविधि नहीं होगी। जनपद में अब यह व्यवस्था 14 अप्रैल तक लागू रहेगी।

पुलिस की सख्ती से सहमे लोग - प्रधानमंत्री द्वारा घोषित लॉकडाउन के बाद बीते तीन दिनों की अपेक्षा बुधवार को पुलिस अधिक सक्रिय दिखी। सड़कों पर जो भी लोग निर्धारित समय के बाद अनावश्यक दिखे तो उनको घरों पर वापस भेजा गया। जिन्होंने ज्यादा बहानेबाजी की तो उन्हे झापड़ मारने से भी पुलिस नहीं चूकी। पुलिस के सख्त रवैये को देखते हुए शहरवासी सहमे हुए हैं और निर्धारित समय के बाद निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।