कोरोना: ताम्बेश्वर मंदिर के कपाट बंद, माॅल के कपाट खुले 

- शासन के निर्देशों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे माल संचालक 
- जिला प्रशासन न चेता तो माॅल से फैल सकती बीमारी 



                  ताम्बेश्वर मंदिर का बंद कपाट एवं कचेहरी रोड स्थित खुला एक माल।  
फतेहपुर। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिये आम लोगो को भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने के लिये शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा लगतार अपील की जा रही है। केंद्र एव प्रदेश सरकार के निर्देश पर स्कूलों, शॉपिंग मॉल सिनेमा हॉल सहित सार्वजनिक जगहों को भी बन्द करा दिया गया है। जिसके तहत गुरूवार की दोपहर आस्था का केन्द्र बिन्दु माने जाने वाला सिद्धपीठ ताम्बेश्वर मंदिर के कपाट भी दोपहर को बंद कर दिये हैं। जिससे श्रद्धालुओं को काफी ठेंस पहुंची है। लेकिन इन निर्देशों का असर माॅल संचालकों पर दिखाई नहीं दिया। आज भी शहर में संचालित होने वाले सभी माॅल पहले की तरह संचालित दिखे। माल के कपाट न बंद न होने से भक्तों के अंदर टीस भी दिखाई दी। लोगों का कहना रहा कि मंदिर तो बंद हो गया अब माॅल के कपाट कब बंद होंगे। जिला प्रशासन न चेता तो यह माॅल बीमारी बांटने का काम करेंगे। 
जनपद के प्रमुख पूजास्थल सिद्धपीठ ताम्बेश्वर मंदिर कमेटी के लिये गये निर्णय के अनुसार मुख्य प्रवेश द्वार के दोनों गेट को बंद कर दिया गया है। गेट बन्द होने से मन्दिर में बड़ी संख्या में होने वाली भीड़ समाप्त हो गयी है। भक्त शिवलिंग व अन्य देवी देवताओं के दर्शन गेट के बाहर से ही कर सकेंगे। मन्दिर प्रबन्ध समिति के अनुसार शक्ति पीठ श्री ताम्बेश्वर मन्दिर में दर्शन के लिये बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते है कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए कपाटों को बंद किया गया है। मंदिर परिसर में किसी प्रकार की भीड़ नहीं लगने दी जायेगी। गेट से बाहर से दर्शन करने वाले भक्तों पर भी विशेष निगरानी की जायेगी। पुजारी राघवेंद्र पाण्डेय के अनुसार कोरोना वायरस के प्रकोप से लोगो को बचाने के लिये मन्दिर समिति की ओर से भक्तों से घरो में रहकर ही पूजा अर्चना करने के लिये लोगो से अपील की गयी है। साथ ही सार्वजनिक जगहों एव भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचने के लिये कहा गया है। उन्होंने बताया कि जानलेवा बीमारी से संक्रमण की रोकथाम के लिये ऐसा किया गया है। हालात सामान्य होते ही भक्तों के दर्शन के लिये पहले जैसी व्यवस्था बहाल की जायेगी। 
मंदिर के कपाट तो कमेटी द्वारा स्वयं बंद कर दिये गये लेकिन शहर क्षेत्र में आज भी तमाम ऐसे सार्वजनिक स्थान हैं जहां प्रतिदिन लोगों की भीड़ उमड़ती है। इन सार्वजनिक स्थानों में माॅल भी आते हैं। शहर में इन दिनों कई माॅल संचालित हैं। शासन ने साफ निर्देश दिये हैं कि कोरोना वायरस में सभी भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों को अग्रिम आदेशों तक बंद कर दिया जाये। लेकिन इसका असर माॅल संचालकों पर नहीं दिख रहा है। गुरूवार को भी शहर क्षेत्र के सभी माॅल पहले की तरह संचालित देखे गये। माॅल के अंदर लोगों की भीड़ भी रही। अगर यही हाल रहा तो यह माॅल लोगों के बीच बीमारी बांटने का काम करेंगे। इसकी खास वजह यह है कि माॅल के अंदर रखा गया सामान प्रत्येक व्यक्ति स्वयं आकर उसकी जांच-पड़ताल करने के बाद ही खरीदने का काम करता है। यदि उसे सामान पसंद नहीं आया तो वह उसे नहीं लेता और दूसरा व्यक्ति पुनः उस सामान की जांच-पड़ताल करता है। माॅल संचालकों द्वारा सेनेटराइजर की व्यवस्था भी नहीं की गयी है। यदि हालात यही रहे तो यह माल लोगों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकते हैं।