कोरोना के प्रकोप से अब सेंट्रल स्टेशन पर 14 अप्रैल तक रहेगा सन्नाटा






- 31 मार्च की जगह अब 14 अप्रैल तक बंद रहेगा ट्रेनों का परिचालन

कानपुर । वैश्विक महामारी बन चुका कोरोना वायरस के खात्मे के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अप्रैल तक पूरे देश में लॉकडाउन घोषित कर दिया है। इस महामारी को रोकने के लिए रेलवे पहले ही 31 मार्च तक ट्रेनों का परिसंचालन बंद कर दिया था, लेकिन कल प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद अब रेलवे 14 अप्रैल की रात 12 बजे तक ट्रेनों का परिसंचालन न करने का निर्णय लिया है। ट्रेनों के न चलने से दिल्ली हावडा रुट के प्रमुख स्टेशन सेंट्रल पर इन दिनों सन्नाटा पसरा रहेगा। जबकि देश भर में दैनिक जीवन की आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति हेतु माल गाड़ियों का परिचालन अनवरत रुप से पहले की तरह ही जारी रहेगा ।
कोरोना वायरस को लेकर पूरे विश्व में महामारी घोषित है और भारत सरकार भी देशवासियों को बचाने के लिए 14 अप्रैल तक पूरे देश में लॉकडाउन घोषित कर दिया है, हालांकि लॉकडाउन के आदेश से पहले ही रेलवे ने 31 मार्च तक ट्रेनों के परिचालन को बंद कर दिया था, इधर अब प्रधानमंत्री के आदेश पर 14 अप्रैल तक रेलवे की पटरियों पर सवारी गाड़ियां नहीं गुजरेंगी। जिससे दिल्ली हावडा रुट के व्यस्ततम स्टेशन कानपुर सेंट्रल अभी भी 14 अप्रैल तक वीरान सा रहेगा। बुधवार को लगातार चौथे दिन भी कानपुर सेंट्रल स्टेशन में आजाद भारत के बाद पहली बार देखा जा रहा है कि पटरियां पूरी तरह से सुनसान है और ट्रेनों का आवगमन बंद है। यहां पर लगे साउंडों से किसी प्रकार की आवाज नहीं सुनाई दे रही है। प्लेटफार्मों पर पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है और एक भी यात्री नहीं दिख रहा है। प्लेटफार्मों पर लगनी वाली दुकानों बंद हैं। स्टेशन के काउंटर पूरी तरह से बंद है और जो भी कर्मचारी बैठे मिले तो उनमें भी निराशा का भाव देखने को मिला। उम्रदराज कर्मचारियों का कहना रहा कि देश में पहली बार ऐसी स्थित बनी है जब पूरी तरह से रेलवे के पहिये थम चुके हैं। हालांकि कर्मचारियों ने इसका समर्थन भी किया और कहा कि देश को कोराना वायरस की महामारी से बचाने के लिए सरकार का निर्णय बिल्कुल सही है। स्टेशन अधीक्षक आरपीएन त्रिवेदी ने कहा कि अपनी नौकरी में मुझे पहली बार ऐसा देखने को मिल रहा है। आगे कहा कि होना भी ऐसा ही चाहिये, कोराना वायरस से लड़ने के लिए जनता ने जो जज्बा दिखाया है वह काबिले तारीफ है।

चलती रहेंगी मालगाड़ियां - उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज के जनसंपर्क अधिकारी अमित मालवीय ने बुधवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए 21 दिनों तक लॉकडाउन घोषित किया है। प्रधानमंत्री के निर्णय को प्रभावी बनाने के लिये भारतीय रेल मंत्रालय ने 14 अप्रैल रात 12 बजे तक सभी पैसेंजर, मेल एक्सप्रेस, इंटरसिटी एवं प्रीमियम आदि गाड़ियों को बंद रखने का निर्णय लिया है। इसके अलावा देश के किसी हिस्से में आवश्यक वस्तुओं की कमी ना हो इस बात को ध्यान में रखते हुए मालगाड़ियों का बराबर संचालन जारी रहेगा। स्टेशन अधीक्षक ने बताया कि मालगाड़िया का बराबर संचालन किया जा रहा है और सभी मालगाड़ियां स्टेशन की बजाय बाईपास से रवाना किया जा रहा है।

टिकटों की बिक्री पर लगी रोक-  जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि वर्तमान स्थित को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने आदेश जारी किया है 14 अप्रैल तक यूटीएस टिकटां की बिक्री पर रोक लगा दी जाये। बताया कि ट्रेन निरस्त होने पर अब तीन दिन के स्थान पर तीन महीने तक टिकट जमा कर रिफंड लिया जा सकता है। इसके साथ ही टीडीआर को दावा कार्यालय में मौजूदा 10 दिन के स्थान पर 60 दिनों के अंदर भेजा जा सकेगा। बताया कि 139 के माध्यम से रद्द किए गए टिकटों के रिफंड स्टेशन पर ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान समय तक के स्थान पर 3 महीने तक प्त किये जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि अब स्टेशन काउंटर्स एवं यूटीएस मोबाइल एप्प के माध्यम से 31 मार्च तक कोई टिकट जारी नहीं किया जाएगा।