कोरोना का खौफ : सीएए के खिलाफ कानपुर के शाहीन बाग का धरना खत्म

- प्रदर्शनकारियों ने कुछ दिनों के लिए स्वतः खत्म किया धरना
- प्रशासन को पत्र लिखकर कोरोना में सरकार का साथ देने की कही बात

कानपुर । नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) व राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ कानपुर के शाहीन बाग यानी चमनगंज के मोहम्मद अली पार्क में करीब दो माह से धरना चल रहा था। पुलिस और प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी यह धरना खत्म नहीं हुआ, पर अब देश में कोरोना वायरस की महामारी के बाद कानपुर को लॉकडाउन किये जाने पर मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने स्वतः कुछ दिनों के लिए धरने को खत्म कर दिया। इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों के ओर से प्रशासन को पत्र लिखा गया है, जिसमें कहा गया कि इस महामारी को रोकने के लिए वह लोग भी सरकार के साथ हैं।
सीएए और एनआरसी के खिलाफ सबसे पहले दिल्ली के शाहीन बाग में महिलाओं ने मोर्चा संभाला और धरने पर बैठ गयीं। उसी तर्ज पर कानपुर की महिलाओं ने चमनगंज के मोहम्मद अली पार्क को शाहीन बाग नाम देकर सीएए व एनआरसी के खिलाफ धरने पर बैठ गयीं। करीब दो महीने से चल रहे इस धरने को खत्म कराने के लिए पुलिस और प्रशासन ने कई बार प्रयास भी किया पर असफल रहे, लेकिन अब देश में कोरोना की महामारी को देखते हुए संभावना जताई जा रही थी कि प्रशासन सख्त रवैया अपनाएगा पर प्रशासन ने कोई एक्शन नहीं लिया। यहां तक की कानपुर जनपद को लॉकडाउन घोषित होने पर भी धरना स्थल पर कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। इधर मंगलवार को दिल्ली के शाहीन बाग को पुलिस ने जबरदस्ती खाली करवा लिया, जिसके बाद यहां पर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने तत्काल बैठक बुलाई और निर्णय लिया गया कि देश हित में कुछ दिनों के लिए प्रदर्शन को खत्म कर दिया जाये। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस समय कोरोना महामारी से देश जूझ रहा है, इसलिए इस धरने को स्थगित किया जाता है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस महामारी के खात्मे के बाद पुनः धरने को चालू किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और प्रशासन को लिखित में आश्वासन भी दिया है कि धरने में अब कोई नहीं आएगा। इसके साथ ही ईश्वर से प्रार्थना भी की गयी कि भारत देश कोरोना जैसी महामारी से उबर सकें और किसी को कोई नुकसान ना हो। पुलिस अधीक्षक पश्चिमी डा. अनिल कुमार ने बताया कि दो महीने से चल रहा धरना खत्म हो गया है और प्रदर्शनकारियों ने पत्र लिखकर इस बात की जानकारी भी दी है। धरना स्थल पर पुलिस की गश्ती अब बनी रहेगी और वहां पर एक साथ पांच लोग अगर दिखायी देंगे तो कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस ने ली राहत की सांस - कोरोना महामारी से निपटने के लिए शासन ने जिस तरह से पूरे उत्तर प्रदेश सहित कानपुर को लॉकडाउन घोषित कर दिया है उससे तय माना जा रहा था कि पुलिस को धरना खत्म कराना ही पड़ेगा। पुलिस धरने को लेकर अभी रणनीति ही नहीं बना पायी थी कि प्रदर्शनकारी स्वतः धरने को खत्म करने का ऐलान कर दिये। जिससे अब पुलिस के साथ प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है और कार्रवाई करने से बच गयी।