- लखनऊ मेट्रो से तेज चल रहे काम को लेकर मेट्रो एमडी ने जतायी खुशी
कानपुर । करीब साढ़े तीन महीने पहले कानपुर में जिस मेट्रो के सिविल वर्क का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिलान्यास किया था उसमें इतनी तेजी से काम चल रहा है कि सोमवार को पहला पियर कैप रख दिया गया। मेट्रो कारपोरेशन के एमडी कुमार केशव ने मंत्रोच्चारण व नारियल फोड़कर पहले पियर कैप को रखवाया। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि कानपुर मेट्रो के इंजीनियर बहुत तेजी से काम कर रहे हैं और लखनऊ मेट्रो की अपेक्षा करीब तीन माह आगे है। आगे कहा कि जिस तरह से कानपुर मेट्रो का काम चल रहा है उससे पूरी संभावना है कि शहरवासी आईआईटी से मोतीझील तक नवम्बर 2021 से मेट्रो का सफर कर सकेंगे।
कानपुर मेट्रो के पहले चरण में आईआईटी से मोतीझील नौ किलोमीटर तक ऐलीवेटेड ट्रैक का निर्माण किया जा रहा है। इस काम की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तय समय सीमा से भी निर्माण कार्य में तेजी दिखाई जा रही है। इसी के चलते सोमवार को आईआईटी के नजदीक गूबा गार्डन क्रॉसिंग के पास स्थित पिलर नंबर 19 पर इस सेक्शन का पहला पियर कैप रखा गया। कार्यक्रम की शुरुआत मेट्रो एमडी कुमार केशव ने मंत्र उच्चारण के बीच शिला पूजन व नारियल तोड़कर की। इस दौरान निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के साथ यूपी मेट्रो कॉरपोरेशन के अफसरों के चेहरे पर प्रसन्न्ता के भाव दिखे। इस मौके पर मेट्रो प्रबंधक निदेशक कुमार केशव ने कहा कि यूपीएमआरसी ने लखनऊ मेट्रो परियोजना के अपेक्षा कानपुर मेट्रो में यह उपलब्धि करीब तीन महीने पहले ही हासिल कर ली है, जो अपने आप में असाधारण कीर्तिमान है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि यूपीएमआरसी की टीम कानपुर मेट्रो परियोजना को निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और यूपीएमआरसी का पूरा प्रयास है कि शहर को जल्द से जल्द एक विश्वस्तरीय मेट्रो सिस्टम का तोहफ़ा मिल जाए।
पिछले वर्ष नवम्बर माह में हुई थी शुरुआत
कानपुर मेट्रो परियोजना के पहले चरण के सिविल वर्क का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले वर्ष 15 नवंबर को किया था। लगभग साढ़े तीन माह के समय में ही कानपुर मेट्रो परियोजना के प्रयॉरिटी कॉरिडोर के अंतर्गत 600 से ज़्यादा पाइल्स की ख़ुदाई का काम पूरा हो चुका है और 42 पियर तैयार किए जा चुके हैं। इसके साथ-साथ समानान्तर रूप से कास्टिंग यार्ड में यू-गर्डर और पियर कैप की कास्टिंग का काम भी हो रहा है। मेट्रो के निर्माण से जुड़े अफसरों का कहना है कि 24 यू-गर्डर एवं 10 पियर कैप की कास्टिंग का काम भी पूरा किया जुका है।
पियर कैप की दो मीटर होती है ऊंचाई
यू-गर्डर को पियर या पिलर के ऊपर रखने के लिए एक आधार दिया जाता है, जिसे पियर कैप कहा जाता है। यू-गर्डर मेट्रो के संरचनागत ढांचे की वह इकाई होती है, जिस पर मेट्रो ट्रैक बिछाया जाता है एवं यू-गर्डर और पिलर के बीच में जो हिस्सा होता है, उसे पियर कैप कहा जाता है। पियर कैप की ऊंचाई- 2 मीटर, लंबाई- 9.3 मीटर और चौड़ाई- 2.8 मीटर होती है. इस पियर कैप का वज़न लगभग 70 टन होता है।
निर्माण कार्य की गति बनी चर्चा का विषय
निर्माण कार्य के शुभारंभ के बाद से ही कानपुर मेट्रो परियोजना के सिविल निर्माण कार्य की गति चर्चा का विषय बनी हुई है। जिसका श्रेय यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने मेट्रो इंजीनियरों को देते हुए बताया कि साढ़े तीन माह में ही कानपुर मेट्रो परियोजना के प्रयॉरिटी कॉरिडोर के अंतर्गत 600 से ज़्यादा पाइल्स की ख़ुदाई का काम पूरा हो चुका है। इसके साथ ही 42 पियर तैयार किए जा चुके हैं। इसके साथ-साथ समानान्तर रुप से कास्टिंग यार्ड में यू-गर्डर और पियर कैप की कास्टिंग का काम भी तेज़ी के साथ चल रहा है तथा 24 यू-गर्डर एवं 10 पियर कैप की कास्टिंग का काम भी पूरा किया जुका है।
भूमिगत मेट्रो का किया निरीक्षण
एमडी कुमार केशव ने शहरवासियों से भी अपील करते हुए कहा कि मेट्रो की वजह से जो जाम लगता है उससे हम वाकिफ हैं और आपको भी इसमें सहयोग करना होगा, हालांकि लगने वाले जाम के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने बताया कि मोतीझील के आगे भूमिगत मेट्रो दौड़ाने की भी तैयारी शुरु कर दी गई है। इस दौरान उन्होंने भूमिगत मेट्रो के रूट का निरीक्षण भी किया और संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश भी दिऐ । उन्होंने कहा कि कानपुर मेट्रो का काम बहुत तेजी से हो रहा है समय से ही पूरा कर लिया जाएगा। नवम्बर 2021 तक शहरवासी आईआईटी से मोतीझील तक का मेट्रो सफर कर सकेंगे।
कानपुर मेट्रो के पहले चरण में आईआईटी से मोतीझील नौ किलोमीटर तक ऐलीवेटेड ट्रैक का निर्माण किया जा रहा है। इस काम की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तय समय सीमा से भी निर्माण कार्य में तेजी दिखाई जा रही है। इसी के चलते सोमवार को आईआईटी के नजदीक गूबा गार्डन क्रॉसिंग के पास स्थित पिलर नंबर 19 पर इस सेक्शन का पहला पियर कैप रखा गया। कार्यक्रम की शुरुआत मेट्रो एमडी कुमार केशव ने मंत्र उच्चारण के बीच शिला पूजन व नारियल तोड़कर की। इस दौरान निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के साथ यूपी मेट्रो कॉरपोरेशन के अफसरों के चेहरे पर प्रसन्न्ता के भाव दिखे। इस मौके पर मेट्रो प्रबंधक निदेशक कुमार केशव ने कहा कि यूपीएमआरसी ने लखनऊ मेट्रो परियोजना के अपेक्षा कानपुर मेट्रो में यह उपलब्धि करीब तीन महीने पहले ही हासिल कर ली है, जो अपने आप में असाधारण कीर्तिमान है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि यूपीएमआरसी की टीम कानपुर मेट्रो परियोजना को निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और यूपीएमआरसी का पूरा प्रयास है कि शहर को जल्द से जल्द एक विश्वस्तरीय मेट्रो सिस्टम का तोहफ़ा मिल जाए।
पिछले वर्ष नवम्बर माह में हुई थी शुरुआत
कानपुर मेट्रो परियोजना के पहले चरण के सिविल वर्क का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले वर्ष 15 नवंबर को किया था। लगभग साढ़े तीन माह के समय में ही कानपुर मेट्रो परियोजना के प्रयॉरिटी कॉरिडोर के अंतर्गत 600 से ज़्यादा पाइल्स की ख़ुदाई का काम पूरा हो चुका है और 42 पियर तैयार किए जा चुके हैं। इसके साथ-साथ समानान्तर रूप से कास्टिंग यार्ड में यू-गर्डर और पियर कैप की कास्टिंग का काम भी हो रहा है। मेट्रो के निर्माण से जुड़े अफसरों का कहना है कि 24 यू-गर्डर एवं 10 पियर कैप की कास्टिंग का काम भी पूरा किया जुका है।
पियर कैप की दो मीटर होती है ऊंचाई
यू-गर्डर को पियर या पिलर के ऊपर रखने के लिए एक आधार दिया जाता है, जिसे पियर कैप कहा जाता है। यू-गर्डर मेट्रो के संरचनागत ढांचे की वह इकाई होती है, जिस पर मेट्रो ट्रैक बिछाया जाता है एवं यू-गर्डर और पिलर के बीच में जो हिस्सा होता है, उसे पियर कैप कहा जाता है। पियर कैप की ऊंचाई- 2 मीटर, लंबाई- 9.3 मीटर और चौड़ाई- 2.8 मीटर होती है. इस पियर कैप का वज़न लगभग 70 टन होता है।
निर्माण कार्य की गति बनी चर्चा का विषय
निर्माण कार्य के शुभारंभ के बाद से ही कानपुर मेट्रो परियोजना के सिविल निर्माण कार्य की गति चर्चा का विषय बनी हुई है। जिसका श्रेय यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने मेट्रो इंजीनियरों को देते हुए बताया कि साढ़े तीन माह में ही कानपुर मेट्रो परियोजना के प्रयॉरिटी कॉरिडोर के अंतर्गत 600 से ज़्यादा पाइल्स की ख़ुदाई का काम पूरा हो चुका है। इसके साथ ही 42 पियर तैयार किए जा चुके हैं। इसके साथ-साथ समानान्तर रुप से कास्टिंग यार्ड में यू-गर्डर और पियर कैप की कास्टिंग का काम भी तेज़ी के साथ चल रहा है तथा 24 यू-गर्डर एवं 10 पियर कैप की कास्टिंग का काम भी पूरा किया जुका है।
भूमिगत मेट्रो का किया निरीक्षण
एमडी कुमार केशव ने शहरवासियों से भी अपील करते हुए कहा कि मेट्रो की वजह से जो जाम लगता है उससे हम वाकिफ हैं और आपको भी इसमें सहयोग करना होगा, हालांकि लगने वाले जाम के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने बताया कि मोतीझील के आगे भूमिगत मेट्रो दौड़ाने की भी तैयारी शुरु कर दी गई है। इस दौरान उन्होंने भूमिगत मेट्रो के रूट का निरीक्षण भी किया और संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश भी दिऐ । उन्होंने कहा कि कानपुर मेट्रो का काम बहुत तेजी से हो रहा है समय से ही पूरा कर लिया जाएगा। नवम्बर 2021 तक शहरवासी आईआईटी से मोतीझील तक का मेट्रो सफर कर सकेंगे।