कानपुर कारागार में कोरोना का खौफ, पुराने बंदियों ने अलग रहने की उठायी मांग





- संशय में जेल प्रशासन, स्क्रीनिंग के जरिये आ रहे नए कैदी
- पुराने कैदियों की जिद के चलते नये कैदियों को दी गयी अलग बैरक



कानपुर । पूरी दुनिया में जानलेवा साबित हो रहा कोरोना वायरस भारत में भी तेजी से पैर पसार रहा है और अब तक भारत में तीन लोगों की मौत भी हो चुकी है। वहीं कानपुर में भी कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है, इसके बावजूद लोगों में जबरदस्त खौफ है और यह खौफ जिला कारागार तक पहुंच चुका है। जिला कारागार में बंद पुराने कैदियों ने एक सुर में कहा कि नये कैदियों के साथ एक ही बैरक में नहीं रहना है। पुराने कैदियों की इस मांग पर कारागार प्रशासन संशय में है, लेकिन पुराने कैदियों की जिद पर उन्हें झुकना पड़ा और नये कैदियों को अलग बैरक की व्यवस्था की गयी है। इसके साथ ही नये कैदियों की स्क्रीनिंग के जरिये ही प्रवेश दिया जा रहा है। कोराना वायरस के कानपुर में दस्तक देने से आम आदमी के चेहरे पर दहशत साफ तौर पर देखी जा सकती है। हालांकि जिला प्रशासन कोरोना वायरस को लेकर पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है और स्वास्थ्य महकमे ने तो टास्क फोर्स का भी गठन कर लिया है। शहर के संक्रमण रोग अस्पताल के साथ गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कालेज से संबंध हैलट अस्पताल और जिला अस्पताल उर्सला में आइसोलेशन वार्ड तैयार किये गये हैं। इसके साथ ही अब तक दो सौ से ज्यादा लोगों की अभी तक जांच भी हो चुकी है। हालांकि अभी तक कोरोना वायरस का कोई भी मरीज कानपुर में नहीं मिला है। इसके बावजदू शहर में कोरोना वायरस को लेकर लोग खौफ में जी रहे हैं और एक दूसरे से दूरियां बना रहे हैं। जिला प्रशासन की अपील पर लोग हांथ मिलाने की जगह नमस्ते कर रहे है   वीडियो कान्फ्रेंसिंग से पेशी की मांग जेल के बंद कैदी यह भी चाहते हैं कि उनकी कोर्ट में पेशियां वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए हों, क्योंकि कोर्ट जाने पर वे कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। पुराने कैदियों की इस मांग को लेकर जेल प्रशासन संशय में है। जेल अधीक्षक आशीष तिवारी ने बताया कि किसी के स्वास्थ्य को लेकर खिलवाड़ नहीं किया जा सकता पर कैदियों की इस मांग का निर्णय हम नहीं ले सकते हैं। हम कोर्ट से इस बारे में आग्रह करेंगे, फिर देखते हैं कि आगे क्या हो सकता है।