जशने ग़रीब नवाज़ का पाँचवॉ जलसा जिन्नाती मस्जिद जाजमऊ व छठा जलसा चमनगंज मे संपन्न
कानपुर:शहंशाहे हिन्दुस्तान हज़रत ख्वाजा ग़रीब नवाज़ रजि अल्लाहु अन्हु की बारगाह मे खिराजे अक़ीदत पेश करने के लिए तन्ज़ीम बरेलवी उलमा-ए-अहले सुन्नत के ज़ेरे एहतिमाम जशने ग़रीब नवाज़ का पाँचवॉ जलसा जिन्नाती मस्जिद जाजमऊ मे हुआ जिसमे तन्ज़ीम के सरपरस्त मौलाना नय्यरूल क़ादरी ने खिताब फरमाते हुए कहा कि सरकार ग़रीब नवाज़ निहायत ही इबादत गुज़ार, दीनदार और परहैज़गार घराने में ईरान के सूबा सबिस्तान के गाँव सन्जर में 14 रजब 537 हिजरी सोमवार के दिन सुबह सादिक़ के वक़्त पैदा हुए, आप वालिदे ग्रामी की जानिब से हुसैनी और वालिदा करीमा की तरफ से हसनी सय्यद हैं वालिदे करीम की तरफ से 12 और वालिदा करीमा की तरफ से 11 वास्तों से आपका शजरए नसब हज़रते मौलाए काएनात से मिल जाता है

15 साल की उम्र शरीफ हुई तो आपके वालिदे ग्रामी हज़रते ख़्वाजा ग़यासुद्दीन का इन्तेक़ाल हो गया और 2 साल के बाद वालिदा माजदा भी रहलत कर गईं सरकार ग़रीब नवाज़ के पास आपके वालिद ने तर्के में कुछ बाग़ छोड़ रखे थे, आप इबादत व रियाज़त के साथ उन बाग़ों की भी देखभाल किया करते थे, लेकिन जब आपको हज़रते इब्राहम किन्दोज़ी से नेमत मिली तो आपको मज़ीद तलबे इल्म व कमाल का इश्तियाक़ हुआ और आप उलूमे ज़ाहिरी में कमाल हासिल करने के लिये नीशापुर तशरीफ ले गए और आला उलूम हासिल करके एैसे बा कमाल हो गए कि वक़्त के मश्हूर उलेमा आपकी खिदमत में अपने सवालात पेश करते और आप उन्हें बड़ी सन्जीदगी के साथ हल फरमा दिया करते आपको वालिदे करीम की तरफ से जो बाग़ मिले थे आपने उन्हें बेच कर उससे मिली रक़्म को राहे ख़ुदा में ख़र्च कर दिया और कुछ पैसे अपने पास रख कर तलबे इल्म के लिये मुद्दतों कई शहरों के सफर फरमाए, समरक़न्द, बुख़ारा ,अरब व ईराक़ के सफर करते हुए आप सन्जान पहुंचे, यहाँ आपकी मुलाक़ात हज़रते ख़्वाजा नजमुद्दीन कुबरा से हुई, फिर बग़दाद पहुंचे, यहाँ आपकी मुलाक़ात हज़रते अबू नजीब जियाउद्दीन सोहरवर्दी से हुई, हमदान पहुंचे तो यहाँ हज़रते ख़्वाजा अबू यूसुफ हमदानी की महफिलों में शरीक होते रहे

तलाशे हक़ व जुस्तूजूए मुर्शिद आपको हारवन खींच कर ले आई और आप हज़रते ख़्वाजा उस्माने हारवनी के दरबारे गुहर बार तक पहुंच गए जलसा सलातो सलाम के साथ खत्म हुआ इसी तरह तन्ज़ीम का छठा जलसा चमनगंज मे हुआ मौलाना आदिल अज़हरी ने ख्वाजा ग़रीब नवाज़ की सीरत पर रोशनी डाली जलसे के बाद क़ुल शरीफ़ हुआ और दुआ की गई फिर शीरनी तक़सीम हुई हाफिज़ मोहम्मद इरफान ने मेहमानो का शुक्रिया अदा किया!