जमीअत उलमा के कार्यकर्ता, उलमा ए किराम व नौजवानों ने कानपुर में लगाया सामग्री वितरण कैंप


कनपुर :- का़जी़ ए शहर कानपुर मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक़ उसामा क़ासमी अध्यक्ष जमीअत उलमा उत्तर प्रदेश की निगरानी व सरपरस्ती में जमीअत उलमा के कार्यकर्ता व दीगर उलमा ए किराम व नौजवान कानपुर में पांच स्थानों पर रोज़ कमाने वाले मज़दूरों, मेहनतकशों, गरीबों व पैदल और बस और ट्रकों से सफर करने वाले मुसाफिरों में आटा, दाल, चावल, शक्कर, नमक, तेल, मसाला, चाय की पत्ती और आलू, प्याज की किटें वितरित की जा रही हैं, और मुसाफिरों को तहरी, खिचड़ी, पूड़ी सब्ज़ी, बिस्किट, पानी के पाउच बांटने का सिलसिला जारी है। शहर और कुछ आसपास के लोगों को हफ्ता 10 दिन चल सकने वाला गल्ला और आवश्यक सामग्री पर आधारित किट और मुसाफिरों में बिस्किट, पानी, तहरी, खिचड़ी, पूड़ी सब्ज़ी वितरित हुआ तो कुछ मुसाफिर मर्द और औरतें अपने दर्द को बयान करते हुए रो पड़े और उन्होंने कहा कि कई घंटों से एक बूंद पानी तक नहीं मिला है। शहर क़ाज़ी मौलाना उसामा क़ासमी के मुताबिक अब तक 1000 से ज्यादा गल्ला आधारित किट, 900 पैकेट खाना तहरी, पूड़ी सब्ज़ी, 6000 के करीब बिस्कुट व पानी के पाऊच वितरित किए जा चुके हैं और यह सिलसिला अभी कई रोज चलेगा।
मौलाना अंसार अहमद जामई मुहम्मद नईम सिद्दीकी़, आरिफ खान, मुहम्मद इस्लामुद्दीन बाबूपुरवा में, क़ारी अब्दुल मुईद चौधरी, मुहम्मद शफी और उनके साथी मंडी व रामादेवी चौराहे में, मौलाना अमीर हम्ज़ा, अब्दुर्रहमान, अलमास और उनके साथी चमनगंज में, नबील,  हाफिज शारिक़ जाजमऊ व तलाक़ महल में, मौलाना फरीदुद्दीन, महफूज, क़ारी मुहम्मद हुज़ैफा़ और क़ारी बदरुज्ज़मा जाजमऊ, गंगापार, पटकापुर और मीरपुर में लोगों तक मदद पहुंचाने में दिन-रात लगे हुए हैं। रामादेवी में 600 पैकेट खाना वितरित किया जा चुका है। बाबूपुरवा में 12 कुंटल गल्ले की होम डिलीवरी और 450 पैकेट खाना वितरित किया जा चुका है । चमनगंज में सवा लाख रूपये के क़रीब ग़ल्ला बंट चुका है । इसके अलावा अन्य मोहल्लों में भी सैकड़ों पैकेट खाना और कई कुंतल गल्ला वितरित हो चुका है। मौलाना उसामा क़ासमी ने कहा कि लोगों की मदद के दौरान सोशल डिस्टेंस का विशेष ध्यान रखा जा रहा है और वालंटियर से सफाई और सैनिटाइजेशन पर ध्यान देने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि तमाम मुसलमान अल्लाह के उस नबी को मानने वाले हैं जो पूरी दुनिया और तमाम इंसानियत के लिए रहमत बनकर आए हैं, इसलिए मुसीबत की घड़ी में इंसानियत की खिदमत की पहली ज़िम्मेदारी हमारी है। मुसलमानों को चाहिए कि वह ज़्यादा से ज़्यादा लोगों की मदद के लिए आगे आएं। जमीअत उलमा के लोगों से संपर्क करें। अपने-अपने घरों में रहकर पड़ोसियों का ख़्याल रखें कि कोई भी इंसान गरीबी की वजह से भूखा ना सोने पाए। इस वक्त यही इंसानियत की सबसे बड़ी खिदमत है। मौलाना ने पूरे उत्तर प्रदेश के मालदारों विशेषकर जमीअत उलमा के राज्य, ज़िला व शहर स्तरीय कार्यकर्ताओं से राहगीरों , मुसाफिरों और मेहनतकशों की खबरगीरी करने के लिए मैदाने अमल में आकर व्यवस्थित कोशिश करने के साथ मदद और काम करने की अपील करते हुए कहा कि इसका फायदा दुनिया में बरकतों और ज़िंदगियों में सुकून, आखि़रत में अल्लाह तआला की रहमतों व बेहतरीन अज्र की शक्ल में मिलेगा।