- दो साल पहले इस स्टेशन की कमान महिलाओं ने थी संभाली
कानपुर । आठ मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर दो साल पहले गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन की कमान महिलाओं के हाथो में सौपी गई थी। दो साल के इस कार्यकाल में महिलाओं ने बखूबी रेलवे स्टेशन को संचालित कर मिसाल कायम की। महिलाओं की कर्तव्यनिष्ठता को देखते हुए आज अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस में महिला कर्मियों को सम्मानित किया गया।
रविवार को गोविंदपुरी स्टेशन में महिला दिवस को लेकर एक नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। जिसमें कि महिलाओं के देश हित में योगदान को बखूबी पेश किया गया। महिलाआें के हाथों में कमान आने के बाद गोविंदपुरी स्टेशन की सूरत बदल गई। उत्तर मध्य रेलवे ने देश के दूसरे महिला स्टेशन के लिए गोविंदपुरी का चुनाव किया था। दो साल पहले अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन का कमान पूरी तरह से महिलाओं के हाथों में सौंप दी गई थी। दो सालों में गोविंदपुरी स्टेशन पर कार्यरत महिलाओं ने अपने काम को बखूबी अंजाम दिया, जिसको लेकर उनको सेन्ट्रल स्टेशन के सीटीएम हिमांशु शेखर ने प्रसस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस कार्यक्रम की विशिष्ट अथिति के रूप में ममता उपाध्याय असिस्टेंट कमिश्नर (जीएसटी) ने गोविंदपुरी स्टेशन में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं की सराहना करते हुए कहा कि आज की महिलाएं पूरे देश में आदमियों से कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही है। जिसकी वजह से देश बहुत जल्द हर बुलंदियों को छूता नजर आएगा। महिला कभी कमजोर हुआ करती थी लेकिन अब महिला सशक्त है। वहीं कर्यक्रम के मुख्य अतिथि हिमांशु शेखर उप मुख्य यातायात प्रबंधक.उ.म.रे. ने बताया कि आज से कुछ समय पहले लोगों की सोच थी कि महिलायें सिर्फ घर ही चला सकती है बाहर निकल कर ये पनप नहीं सकती, लेकिन आज के इस दौर में महिलाओं ने अपने कार्यों से बीती बातों को पीछे छोड़ दिया आज से दो वर्ष पूर्व 8 मार्च को गोविंदपुरी स्टेशन जो कि पूरी तरह से महिलाओं के हाथों में इसकी जिम्मेदारी सौंप दी गयी थी और आज इन महिला साथियों ने अपने जोश के साथ कार्य करते हुए इस स्टेशन की छवि को बदल दिया है। इसी के चलते आज उन महिलाओं का सम्मान किया जाता है जिन्होंने महिला होने के बावजूद अपने उत्कृष्ट कार्यों से इस स्टेशन की शान और बढ़ा दी है। जिसके लिए उनको प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है।
सम्मान पाने वाली महिला नेहा मिश्रा (स्टेशन मास्टर) ने बताया कि हमारा सोलह महिलाओं का समूह है और यहां पर छह पीआरएस और छह बुकिंग काउंटर हैं जहां पर महिलाएं कार्य कर रही हैं। बताया कि हमारा प्रयास है कि यहां पर आने वाले किसी भी यात्री को परेशानियों का सामना न करना पड़े, खासकर महिला यात्रियों का विशेष ख्याल रखा जाता है।
कानपुर । आठ मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर दो साल पहले गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन की कमान महिलाओं के हाथो में सौपी गई थी। दो साल के इस कार्यकाल में महिलाओं ने बखूबी रेलवे स्टेशन को संचालित कर मिसाल कायम की। महिलाओं की कर्तव्यनिष्ठता को देखते हुए आज अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस में महिला कर्मियों को सम्मानित किया गया।
रविवार को गोविंदपुरी स्टेशन में महिला दिवस को लेकर एक नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। जिसमें कि महिलाओं के देश हित में योगदान को बखूबी पेश किया गया। महिलाआें के हाथों में कमान आने के बाद गोविंदपुरी स्टेशन की सूरत बदल गई। उत्तर मध्य रेलवे ने देश के दूसरे महिला स्टेशन के लिए गोविंदपुरी का चुनाव किया था। दो साल पहले अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन का कमान पूरी तरह से महिलाओं के हाथों में सौंप दी गई थी। दो सालों में गोविंदपुरी स्टेशन पर कार्यरत महिलाओं ने अपने काम को बखूबी अंजाम दिया, जिसको लेकर उनको सेन्ट्रल स्टेशन के सीटीएम हिमांशु शेखर ने प्रसस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस कार्यक्रम की विशिष्ट अथिति के रूप में ममता उपाध्याय असिस्टेंट कमिश्नर (जीएसटी) ने गोविंदपुरी स्टेशन में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं की सराहना करते हुए कहा कि आज की महिलाएं पूरे देश में आदमियों से कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही है। जिसकी वजह से देश बहुत जल्द हर बुलंदियों को छूता नजर आएगा। महिला कभी कमजोर हुआ करती थी लेकिन अब महिला सशक्त है। वहीं कर्यक्रम के मुख्य अतिथि हिमांशु शेखर उप मुख्य यातायात प्रबंधक.उ.म.रे. ने बताया कि आज से कुछ समय पहले लोगों की सोच थी कि महिलायें सिर्फ घर ही चला सकती है बाहर निकल कर ये पनप नहीं सकती, लेकिन आज के इस दौर में महिलाओं ने अपने कार्यों से बीती बातों को पीछे छोड़ दिया आज से दो वर्ष पूर्व 8 मार्च को गोविंदपुरी स्टेशन जो कि पूरी तरह से महिलाओं के हाथों में इसकी जिम्मेदारी सौंप दी गयी थी और आज इन महिला साथियों ने अपने जोश के साथ कार्य करते हुए इस स्टेशन की छवि को बदल दिया है। इसी के चलते आज उन महिलाओं का सम्मान किया जाता है जिन्होंने महिला होने के बावजूद अपने उत्कृष्ट कार्यों से इस स्टेशन की शान और बढ़ा दी है। जिसके लिए उनको प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है।
सम्मान पाने वाली महिला नेहा मिश्रा (स्टेशन मास्टर) ने बताया कि हमारा सोलह महिलाओं का समूह है और यहां पर छह पीआरएस और छह बुकिंग काउंटर हैं जहां पर महिलाएं कार्य कर रही हैं। बताया कि हमारा प्रयास है कि यहां पर आने वाले किसी भी यात्री को परेशानियों का सामना न करना पड़े, खासकर महिला यात्रियों का विशेष ख्याल रखा जाता है।