बुजुर्गों और बच्चों का रखें ख्याल, घरों से न निकलने दें बाहर

रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से इन्हे है अधिक खतरा

कानपुर । कोरोना वायरस का प्रकोप दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है और सरकार इसको रोकने के लिए पूरे प्रदेश को लॉकडाउन घोषित कर दिया है। सरकार के प्रयास के साथ ही आम जनमानस की भी जागरुकता जरुरी है, हालांकि लोग सरकार के फैसले का स्वागत कर रहे हैं और आदेश का पालन भी करते दिखाई दे रहे हैं। इन सबके बीच यह भी जरुरी है कि बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ख्याल रखना चाहिये और उन्हे घरों से बाहर न निकलने दिया जाये।
पूरी दुनिया में महामारी घोषित हो चुका कोरोना वायरस वैसे तो हर वर्ग के व्यक्ति के लिए खतरनाक है, पर खासकर इसका सबसे अधिक खतरा बुजुर्गों और बच्चों पर हैं, क्योंकि उनकी बीमारियों के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। ऐसे में उनका खास ख्याल रखा जाना बहुत जरुरी है। एक ओर बुजुर्ग चलने फिरने में असमर्थ होने के कारण व जागरुक होने के चलते बाहर का रुख कम कर रहे है वहीं बच्चों से इस तरह की अपेक्षा करना थोड़ा मुश्किल है। बच्चों को घर में रुके रहने के लिए परिवार के सदस्यों को उनकी मदद करनी चाहिए। समाजसेवी अनीता दुआ ने बताया कि इस महामारी से निपटने के लिए घरों के प्रमुख व्यक्ति भी सजग रहें और अपने बुजुर्गों और बच्चों को कहीं भी बाहर न जाने दें।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अशोक कुमार शुक्ला ने बताया कि कोरोना वायरस खतरनाक स्थित में इस समय है। लॉकडाउन के साथ ही हर परिवार का मुखिया अपने परिवार का पूरा ध्यान दें। कहा कि बच्चों व बुजुर्गों को हाथों की स्वच्छता के बारें में जागरुकता पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्हे बार-बार हाथ धुलने के लिए प्रेरित करना चाहिए, अभिभावक उनके साथ मनोरंजन का माहौल बनाए, खेल खेल में उन्हे हाथ धोने के बारें में समझाये। घर पर रहकर उनके साथ ड्राइंग-पेंटिंग, कविता व कहानी पढ़ना आदि करे। बताया कि बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए उन्हे पोषण युक्त भोजन कराये, उन पर किसी भी तरह का दवाब न बनाए और न ही चिल्लाएं। घर में इस तरह का माहौल बनाए कि उनका मन घर में लगा रहे।