छात्रा ने हॉस्टल में फांसी लगाकर दी जान,मिला सुसाइड नोट

 

कानपुर । कोतवाली थाना क्षेत्र में छात्रा ने सहपाठियों की प्रताड़ना और टीम के कोच द्वारा दोस्ती करने का अधिक दबाव बनाये जाने से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। सूचना पर पहुँची पुलिस ने घटना की सूचना परिजनों को दी। सूचना मिलते ही परिजन मौके पर पहुँचे वही पुलिस ने घटना की जाँच पड़ताल कर शव को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया। लखीमपुर खीरी निवासी ब्रजेश मिश्रा किराना कारोबारी है। परिवार में पत्नी उषा मिश्रा बेटा शिवांक मिश्रा बेटी इशिता मिश्रा (19)है पिता बृजेश मिश्रा ने बताया कि बेटी पिछले साल कानपुर में पढ़ाई करने के लिए डीजी कॉलेज गई थी। एडमिशन कुछ देरी से होने की वजह से पिछली बार बेटी को कॉलेज में हॉस्टल नही मिल पाया था। जिसके बाद बेटी गाँव की लड़की आस्था वर्मा के साथ कोतवाली थाना क्षेत्र में किराए के कमरा लेकर रहने लगी थी। वही बीते तीन फरवरी को बेटी को कॉलेज की ओर से हॉस्टल दिया गया था। और बेटी को खोखो टीम का कैप्टन भी बनाया गया था। पहले टीम की कैप्टन रही ऋचा गुप्ता को टीम के कैप्टन पद से हटा दिया गया था। जिसके बाद से वह बेटी से ऋचा और उसके दोस्त लोग बेटी से ईर्ष्या रखने लगी थी और  साथ मे रहने वाली छात्रा आस्था भी ऋचा की टीम में चली गई। वही ऋचा का भाई शुभम गुप्ता भी बेटी को तरह तरह से परेशान करने लगा और अक्सर बेटी पर दोस्ती करने का दवाब डालता था। जब बेटी ने दोस्ती करने से मना कर दिया था। तो सभी ने उसे तरह तरह से प्रताड़ित किया । बेटी ने दो दिन पूर्व फोनकर रोरोकर आप बीती परिजनों को बताई थी। जिसके बाद पिता जानकारी होते ही बेटी के स्कूल गये और शुभम सहित सभी की शिकायत करने की बात पुलिस से कही थी । लेकिन बेटी ने स्कूल की इमेज खराब होने की बात कहकर पिता को शांत करा कर घर भेज दिया। रविवार को रात करीब दो बजे हॉस्टल की वार्डेन पिंकी ने पिता को फोन कर घटना की जानकारी दी थी। जानकारी मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। आनन फानन में पिता देर रात को ही अपने घर से निकले और सुबह कालेज के हॉस्टल में बेटी का शव बिस्तर पर पड़ा देख वही बेहोश हो गये। परिजनों ने किसी तरह पिता को शांत कराया। वही पुलिस ने घटना की जाँच पड़ताल कर शव को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया। वही कोतवाली थाना प्रभारी का कहना है कि परिजनों ने प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। अभी परिजनों द्वारा कोई तहरीर नहीं दी गई है ।अगर परिजन कोई तहरीर देते हैं तो मुकदमा पंजीकृत कर कार्रवाई की जाएगी।