उन्नाव में मजलिसे चेहल्लुम का आयोजन

उन्नाव । नगर पचांयत न्योतनी मे  समाजसेवी अलीको के भाई जनाब सैo नजमुल ज़हीर मंज़र मरहूम की चालीसवे की मजलिस को लेकर इमाम बाड़ा मीरमनसब अली सोफा मे एक मजलिस शोक सभा का आयोजन हुआ इस मजलिस को मौलाना आली जनाब सैo  रज़ा इमाम  रिज़वी ज़ैग़म साहब ने मजलिस को ख़िताब किया मौलाना ने अपने इस्लामी किताब कुरान मजीद और कर्बला की सरपरस्ती के लिए लोगो को तालीमी हकीकत बताई उन्होने अपनी तकरीर मे पढ़ा की कुछ मुसलमान ये कहते है की हज़रत अबुतालिब वो जन्नत मे जायेगे या नहीं जो इस्लाम का रहबर हो उस को मुसलमान ये बताते है जिस के सर पर हाथ मोहम्मद का हो उस की दुनिया भी है और जन्नत भी है. इमाम अली नकी अलैहिसलाम ने फ़रमाया जिससे किना रखते हो उस से मोहब्बत की तलाश मे ना रहो जिससे बदगुमान हो उससे खैरख्वाही की उम्मीद न रखो इसलिए की दूसरे का दिल तुम्हारे लिए ऐसा ही है जैसा की तुम्हारा दिल उसके लिए है. पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा की बेटी हज़रत फातिमा जहेरा सलामुल्लाह अलैहा के पश्चात उनके परिवार की एक महिला हज़रत जैनब है जो हज़रत फ़ातिमा की बेटी है हज़रत फ़ातिमा जहेरा को अल्लाह ने एक बेटी अता की थी जिसका नाम उन्होंने जैनब रखा था जैनब का मतलब होता है पिता के समान यह महान महिला थी इतिहास मे तुम्हे क्या हुआ है की तुम कब्रे हुसैन पर नहीं जाते क्योकी कब्रे हुसैन पर हजार फरिश्ते है जो क़यामत तक गिरिया करते रहेंगे, मजलिस मे पेश खानी, गुलज़ार अख्तर और असद साहब ने । इस मजलिस मे हजारों लोग जैसे कानपुर, लखनऊ, बाराबंकी, अलाहाबाद, हसनगंज,मोहान, उन्नाव, शुक्ला गंज, सफीपुर से आये मजलिस के आयोजक जनाब रहबर रिजवी जी ने सब का शुक्रिया अदा किया यह मजलिस मरहूम मंजर रिज़वी की इसले सवाब की थी इस मजलिस मे तमाम लोग शामिल थे जिसमे, असद, जावेद, जाफर भाई, रहबर रिजवी, चाँद, रिजवान, मौलाना असगर मेंहदी साहब, बबलू रिजवी, अस्करी,तैयब रिज़वी, नक्कन रिजवी, सगीर मिर्जा, सइदैन रिजवी, अफजल अब्बास, कलीम उल्ला, महजर, सजर, परवेज, असगर, मुर्तजा हैदर, मुज्तबा हैदर,नाग्मी,अकबर रिजवी, पप्पू रिजवी, उर्फी रिजवी, आरिफ रिजवी, दानिश,मुन्ना, जावेद ताहिर, फिरोज रिजवी,बेबी रिजवी, असलम रिजवी, जावेद,लारेब, गुलजार अख्तर, मोहम्मद हाशिम, सज्जू, गुड्डू, वासिफ,आदि लोग मजलिस मे शामिल रहे ।