शीत लहर में लापरवाही जीवन पर खतरा हो सकता है 
 

कानपुर , जिलाधिकारी कानपुर विजय विश्वास पंत के निर्देश के क्रम में जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण, एवं जिला रेडक्रॉस सोसायटी के तत्वाधान में श्याम नगर स्थित ईआईएस इलेक्ट्रॉनिक्स इण्डिया लि में अग्नि सुरक्षा एवं प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण दिया गया शिविर का शुभारम्भ सुमित खंडेलवाल ने किया प्रशिक्षण में लखन शुक्ला मुख्य प्रशिक्षक आपदा प्रबंधन एवं हरीश तिवारी सहायक ट्रेनर रेडक्रॉस ने प्रशिक्षण दिया। लखन शुक्ला ने बताया इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है। इसलिए उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय रोगी सतर्क हो जाएं। इसमें लापरवाही जानलेवा साबित होती है। सुबह की सैर पर जाने वाले बुजुर्ग एहतियात बरतें। ठंड में खून की धमनियां सिकुडऩे से दिल को संपूर्ण शरीर में रक्त प्रवाह बनाए रखने पर मशक्कत करनी पड़ती है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। रक्त की धमनियां सिकुडऩे से प्रवाह में रुकावट से ही दिमाग की नसें फट जाती हैं। दिमाग में खून थक्का जमने से शरीर की मांसपेशियां कार्य करना बंद कर देती हैं। यह ब्रेन स्ट्रोक लकवा की स्थिति होती है। कोल्ड स्ट्रोक के लक्षण-बोली में लड़खड़ाहट,शरीर के एक तरफ के हिस्से में  कमजोरी आधे चेहरे, एक तरफ के हाथ-पैर में कमजोरी,एक तरफ का हाथ-पैर काम न करना,सिर में भीषण दर्द,उल्टी और चक्कर आना,भ्रम की स्थिति होना,सांस लेने में तकलीफ,ब्रेन में अधिक ब्लीडिंग से बेहोश। क्या करे -बिस्तर छोडऩे के बाद थोड़ा व्यायाम अवश्य करें,कमरे से बाहर निकलें तो अच्छी तरह गर्म कपड़े पहनें, हार्ट और बीपी के मरीज सुबह एकदम से ठंड में बाहर न निकलें,घर से बाहर निकलें तो सिर, हाथ-पैर अच्छी तरह ढंक कर रखें।